भारत और बांग्लादेश ने अपसी सहयोग को गति देते हुए हाइड्रोकार्बन, कृषि, कपड़ा और सामुदायिक विकास जैसे विविध क्षेत्रों में सात समझौतों पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए। दोनों देशों ने सीमापार चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल संपर्क को बहाल किया जो 1965 तक परिचालन में था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश को ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का प्रमुख स्तंभ बताते हुए कहा कि उसके साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना उनकी विशेष प्राथमिकता रही है तथा कोविड-19 के कठिन समय में दोनों देशों के बीच अच्छा सहयोग रहा है।
मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ ऑनलाइन शिखर वार्ता में यह बात कही। हसीना ने भारत को अपने देश का ‘सच्चा मित्र’ करार देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति युद्ध में समर्थन देने के लिए भारत का आभार जताया। हसीना ने कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात से काफी प्रसन्न हैं, खासतौर पर विजय के इस महीने में।
बुधवार को बांग्लादेश ने पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति युद्ध में अपनी जीत की 49वीं वर्षगांठ मनाई। दोनों देशों के बीच चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल संपर्क को बहाल करने से असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश के लिए संपर्क को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह कोलकाता से सिलीगुड़ी के बीच 1965 तक मुख्य ब्रॉडगेज संपर्क का एक हिस्सा था। मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान और महात्मा गांधी पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा, ‘बांग्लादेश हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का एक प्रमुख स्तंभ है। बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना मेरे लिए पहले दिन से ही विशेष प्राथमिकता रही है।’
उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि वैश्विक महामारी के कारण यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन संतोष की बात है कि इस कठिन समय में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छा सहयोग रहा। चाहे वह दवाइयों या चिकित्सा उपकरण या फिर चिकित्सा पेशेवरों का एक साथ काम करने का विषय हो, हमारा सहयोग अच्छा रहा है। टीके के क्षेत्र में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है। इस सिलसिले में हम आपकी आवश्यकताओं का भी विशेष ध्यान रखेंगे।
हसीना ने कहा, ‘भारत एक सच्चा दोस्त है। मैं भारत के कोविड-19 से निपटने के तरीके की सराहना करना चाहती हूं, उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में भारत महत्त्वपूर्ण योगदान देगा।’ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मुक्ति युद्ध के संदर्भ में कहा कि वह तीस लाख शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं जिन्होंने अपना बलिदान दिया। वह भारतीय सशस्त्र सेना के सदस्यों एवं उनके परिवार के लोगों को भी नमन करती है। उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार एवं वहां के लोगों के प्रति भी आभार प्रकट करती हैं जिन्होंने पूरी तरह से हमारे राष्ट्र के लिए समर्थन दिया।
मोदी ने कहा, ‘भूमि सीमा कारोबार में बाधाओं को हमने कम किया। दोनों देशों के बीच संपर्क का विस्तार किया गया तथा नए साधनों को जोड़ा गया। यह सब हमारे संबंधों को और मजबूत करने के हमारे इरादों को दर्शाता है।’ मोदी ने कहा, ‘यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आज आपके साथ बंगबंधु के सम्मान में एक डाक टिकट का विमोचन, और बापू और बंगबंधु के ऊपर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने का मौका मिल रहा है। मैं आशा करता हूं कि बापू और बंगबंधु की प्रदर्शनी हमारे युवाओं को प्रेरणा देगी, इसमें विशेष खंड को कस्तूरबा गांधी जी और पूजनीय बंगमाता जी को भी समर्पित किया गया है।’
मोदी ने कहा, ‘दक्षेस ढांचे के तहत बांग्लादेश के योगदान के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। स्वास्थ्य के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इस वर्ष हमारी विशेष साझेदारी निरंतर आगे बढ़ती रही है।’ भारत और बांग्लादेश ने सात समझौते किए जिसमें हाइड्रोकार्बन, कृषि, कपड़ा और सामुदायिक विकास जैसे विविध क्षेत्रों में समझौते शामिल हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘बांग्लादेश की ओर से संबंधित अधिकारियों ने सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जबकि ढाका में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम के दुरईस्वामी ने अपने देश की ओर से हस्ताक्षर किए।’