भारत ने घरेलू कंपनियों की शिकायत के बाद चीन और वियतनाम से कुछ सोलर ग्लास के आयात के खिलाफ डंपिंग रोधी जांच शुरू की है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) चीन और वियतनाम में बने ‘टेक्सचर्ड टेम्पर्ड कोटेड’ और ‘अनकोटेड ग्लास’ की कथित डंपिंग की जांच कर रही है।
इस उत्पाद को बाजार की भाषा में सोलर ग्लास या सोलर फोटोवोल्टिक ग्लास जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। घरेलू उद्योग की ओर से बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड ने जांच और आयात पर उचित डंपिंग रोधी शुल्क लगाने के लिए आवेदन दायर किया है।
अधिसूचना के अनुसार, ‘‘ घरेलू उद्योग द्वारा विधिवत प्रमाणित आवेदन के आधार पर और आवेदक द्वारा डंपिंग तथा घरेलू उद्योग को इससे क्षति होने के संबंध में आवेदक द्वारा प्रस्तुत प्रथम दृष्टया साक्ष्य से एक हद तक संतुष्ट होने के बाद प्राधिकरण कथित डंपिंग के मामले में डंपिंग रोधी जांच शुरू करता है।’’
इसमें कहा गया कि यदि डंपिंग से घरेलू कंपनियों को वास्तविक क्षति होने की पुष्टि होती है, तो डीजीटीआर आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा। वित्त मंत्रालय शुल्क लगाने के संबंध में अंतिम निर्णय लेगा। सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए देशों द्वारा डंपिंग रोधी जांच की जाती है।
जांच में नुकसान की पुष्टि होने पर जवाबी कार्रवाई में कोई देश जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बहुपक्षीय शासन के तहत ये शुल्क लगा सकता है। चीन समेत विभिन्न देशों से सस्ता आयात रोकने के लिए भारत पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा चुका है।