facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

कवयित्री लुईस ग्लिक को नोबेल

Last Updated- December 14, 2022 | 10:58 PM IST

अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लिक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। स्वीडिश एकेडमी के स्थायी सचिव मैट्स मॉल्म ने गुरुवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की।
ग्लिक को यह पुरस्कार उनकी शानदार काव्य शैली के लिए दिया गया है, जो व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक पहचान दिलाती है और जिसमें सादगी भरी सुंदरता का अप्रतिम वर्णन है। नोबेल एकेडमी ने कहा कि न्यूयॉर्क में जन्मीं ग्लिक ने 1968 में अपनी पहली रचना ‘फस्र्टबॉर्न’ लिखी और वह जल्द ही अमेरिकी समकालीन साहित्य के सर्वाधिक जाने-माने कवियों की श्रेणी में शामिल हो गईं।
 77 साल की ग्लिक येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। एकेडमी ने कहा कि उनकी कविताएं अमूमन बाल्यावस्था, पारिवारिक जीवन, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ घनिष्ठ संबंधों पर केंद्रित रही हैं। इसने कहा कि 2006 में आया उनका संग्रह ‘एवर्नाे’ एक शानदार संग्रह है। वर्ष 2018 में यह पुरस्कार तब टाल दिया गया था जब स्वीडिश एकेडमी यौन शोषण के आरोपों से हिल उठी थी और इसके सदस्यों को सामूहिक रूप से इस्तीफा देना पड़ा था।  नोबेल फाउंडेशन ट्रस्ट का विश्वास फिर से हासिल करने के लिए एकेडमी ने खुद का पुनर्गठन किया और फिर पिछले साल दो विजेताओं का चयन किया गया। 2018 का पुरस्कार पोलैंड की ओल्गा तोकरजुक और 2019 का पुरस्कार ऑस्ट्रिया के पीटर हैंडके के खाते में आया।

First Published - October 8, 2020 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट