facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

हफ्ते की शख्सियत

Last Updated- December 06, 2022 | 9:00 PM IST

अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस ने 29 अप्रैल को यह बयान देकर कि खाद्य संकट गहराने की एक बड़ी वजह ‘भारतीयों और चीनियों की खुराक बढ़ना’ है, भारत के राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी।


साथ ही राइस ने खाद्य संकट पनपने का दोष कुछ हद तक इन देशों पर मढ़ते हुए कहा कि ये दोनों ही देश खाद्य भंडार को ‘भरने’ की जुगत में हैं। हालांकि विदेश मंत्री ने खाद्य संकट के कुल चार कारण गिनाए पर उनके हिसाब से यह दो वजहें खास हैं।


पीस कॉप्स 2008 कंट्री डायरेक्टर्स कांफ्रेंस में राइस ने कहा कि खाद्य संकट उभरने की दो और वजहें एक्सचेंज दर और आम लोगों तक खाद्य पदार्थों का सही तरीके से बंटवारा नहीं कर पाना है। राइस ने कहा, ‘कुछ जगहों पर उत्पादन कम हुआ है पर यह उतनी बड़ी समस्या नहीं है जितना भारत और चीन जैसे देशों में लोगों की खुराक बढ़ना है।’  राइस ने चौथा कारण जैव ईंधन से जुड़ा बताया।


उन्होंने कहा कि यह वजह परोक्ष रूप से खाद्य संकट तो पैदा नहीं करती है पर खाद्य संकट को बढ़ाने में मददगार जरूर है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य संकट की बड़ी वजह अमेरिका और यूरोपीय संघ की नीतियां रही हैं।


राइस के बयान ने भारतीय राजनीतिक महकमे में हलचल मचा दी। भारत के विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा ने इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश के लोगों को छूट है कि वह अपनी मर्जी के हिसाब से खाएं। शर्मा ने कहा कि यह दुखद है कि सारा दोष हम जैसे गरीब देशों पर लादा जा रहा है।


इस बयान पर देश में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य सीताराम येचुरी ने आक्रोश जताते हुए कहा कि अब तक ऐसा माना जाता रहा है कि विकासशील देशों के लोग कुपोषण का शिकार रहे हैं पर सहसा अब विकसित देशों की ओर से इस तरह के बयान आने लगे हैं कि अब यहां के लोगों की खुराक बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि ऐसी अवधारणा बेबुनियाद है।


14 नवंबर 1954 को जन्मीं राइस अमेरिका की 66वीं विदेश मंत्री हैं। आतंकवाद, नशीली दवाओं का कारोबार और बीमारियों से लड़ने के लिए राइस ने समय-समय पर ठोस कदम उठाए हैं। साथ ही अपने कार्यकाल में राइस ने अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव लाकर इसे ‘ट्रांसफॉर्मेशनल डिप्लोमेसी’ में तब्दील करने की भी आवाज उठाई थी।

First Published - May 2, 2008 | 11:12 PM IST

संबंधित पोस्ट