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समावेशी क्षेत्र की दिशा में क्वाड नेता

Last Updated- December 12, 2022 | 7:02 AM IST

चार देशों की सदस्यता वाले क्वाड समूह के नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए इस बात पर पुन: जोर दिया कि वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह क्षेत्र सभी के लिए सुगम हो और नौवहन की स्वतंत्रता एवं विवादों के शांतिपूर्ण समाधान जैसे मूल सिद्धांतों और अंतराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार इसका संचालन हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्राी योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को हुए क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन के बाद ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ में छपे एक लेख में इस बात पर जोर दिया कि सभी देश किसी बलप्रयोग के बिना राजनीतिक चयन करने में सक्षम होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की सरकारों ने पिछले कुछ साल में निकटता से काम किया है और शुक्रवार को क्वाड के इतिहास में पहली बार उन्होंने उच्चतम स्तर पर अर्थपूर्ण सहयोग को आगे ले जाने के लिए नेताओं की बैठक की। नेताओं ने कहा, ‘हमने खुले एवं मुक्त क्षेत्र की अपनी कोशिशों को तेज करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों के कारण पैदा हुईं चुनौतियों से निपटने की खातिर सहयोग करने और भविष्य के नवोन्मेषों को संचालित करने वाले मानक तय करने के लिए गठजोड़ करने पर सहमति जताई।’ क्वाड नेताओं ने सम्मेलन में ‘मुक्त, खुले एवं समावेशी’ क्षेत्र बनाने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई जिसमें बल प्रयोग से कोई प्रतिबंध न लगाया गया हो। चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर के कई हिस्सों पर अपना दावा करता है। पूर्वी चीन सागर में दावे को लेकर चीन और जापान के बीच विवाद है। नेताओं ने लेख में कहा कि क्वाड नामक सहयोग का जन्म संकट में हुआ है। यह 2007 में राजनयिक वार्ता बना और 2017 में इसका पुनर्जन्म हुआ।    

First Published - March 14, 2021 | 11:13 PM IST

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