सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) ने वर्ष 2008-09 के लिए सीटें 13 प्रतिशत बढाने की घोषणा की ।
इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए इस वर्ष प्रस्तावित 9 प्रतिशत कोटे की भरपाई की जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आने वाले दो लगातार वर्षों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।
दूसरी तरफ आंध्रप्रदेश, बिहार और राजस्थान में खुलने वाले नए आईआईटी में पहले ही वर्ष से ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाएगी। वर्तमान में खड़गपुर, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, कानपुर, गुवाहाटी और रुड़की में आईआईटी हैं जहां प्रतिवर्ष 4000 से ज्यादा सीटें उपलब्ध हैं।
सातों आईआईटी के निदेशकों की दिल्ली में बैठक हुई। बैठक के बाद आईआईटी दिल्ली के निदेशक सुरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि बैठक में 2008-09 के शैक्षणिक सत्र के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में ओबीसी छात्रों को सामान्य श्रेणी के छात्रों की तुलना में 10 प्रतिशत अंकों की रियायत देने का निर्णय लिया गया।
एक आईआईटी अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर बताया कि इस बार आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए 3 लाख 21 हजार 643 आवेदन पत्र भरे गए जिसमें 64 प्रतिशत सामान्य श्रेणी ,10 प्रतिशत अनुसूचित जाति , 3 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 23 प्रतिशत ओबीसी श्रेणी के छात्र हैं।
प्रसाद के मुताबिक स्नातक पाठयक्रमों के लिए नए साल में सीटों की संख्या में 880 की वृद्धि की जाएगी। इनमें 520 सीटें मौजूदा आईआईटी में और 360 सीटें नए आईआईटी में बढ़ाई जाएंगी। आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड दो मेधा सूची जारी करेगा। पहला सामान्य श्रेणी के लिए तथा दूसरा ओबीसी के लिए होगा।
न्यायालय का फैसला सर आंखों पर
क्रीमी लेयर रहेगा आरक्षण के कोटे से बाहर।
प्रतिवर्ष ओबीसी छात्रों के लिए 9 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएंगी।
नए साल में बढ़ेंगी कुल 880 सीटें।
प्रवेश परीक्षा में ओबीसी को 10 प्रतिशत रियायत