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कैट के बाद अब दूसरी प्रबंधन प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटे भावी मैनेजर

Last Updated- December 08, 2022 | 9:03 AM IST

देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के बाद अब दिग्गज मैनेजर बनने की चाहत रखने वाले छात्र दूसरी प्रबंधन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए हैं।


उद्योग जगत के लोगों का मानना है कि इस साल प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वालों की संख्या काफी अधिक होगी। दरअसल आर्थिक मंदी के कारण मौजूदा समय को अध्ययन और कौशल विकास के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।

कैरियर लांचर के निदेशक (अकादमी तथा शोध और विकास)शिव कुमार ने बताया कि ‘विश्व व्यापी मंदी के कारण बड़ी संख्या में लोग नौकरी करने के बजाए बिजनेस स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं और अगले साल कैट में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

पिछले 2 से 3 वर्षो से तुलना करें तो इस साल बिजनेस स्कूलों की प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले अभ्यार्थियों की संख्या में 20 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।’

जेवियर लेबर रिलेशन इंस्टीच्यूट, फैकल्टी ऑफ बिजनेस मैंनेजमेंट स्टडीज जैसे शीर्ष बिजनेस स्कूलों के अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय विज्ञान संस्थान जैसे विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान इस साल बड़ी संख्या में छात्रों को अपनी ओर रिझाने में कामयाब रहेंगे।

प्रबंधन प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों के पसंदीदा संस्थानों में नरसी मोंजी इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एनएमआईएमएस) और सिम्बयॉसिस इंस्टीच्यूट ऑफ बिजनेस मैंनेजमेंट शामिल हैं। बिजनेस स्कूल में दाखिला मिलने से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो फिलहाल मंदी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

टेनाडे के सीईओ अंशुल गुप्ता ने बताया कि ‘आर्थिक मंदी के कारण विप्रो, इन्फोसिस, सत्यम और एक्सेंचर जैसी आईटी कंपनियों ने नए स्नातकों की नियुक्ति की तारीख को आगे बढ़ा दिया है या फिर भर्ती की प्रक्रिया को पूरी तरह से रोक दिया गया है। इस कारण कई लोगों को अपनी नौकरी खोनी पड़ी है।’

इस कारण छात्र बेकार बैठने के बजाए इस दौरान प्रबंधन डिग्री हासिल करना चाहेंगे। आदर्श स्थिति में अभ्यर्थी को 2 से 3 साल नौकरी करनी चाहिए और फिर किसी बिजनेस स्कूल में दाखिला लेना चाहिए।

हालांकि मंदी का दौर 2009 के अंत या फिर 2010 तक जारी करने का अनुमान है और इस दौरान छात्र प्रबंधन की डिग्री हासिल करना अधिक पंसद करेंगे।

जब उनका पाठयक्रम पूरा होगा, ठीक उसी समय वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बार फिर उछाल से रूबरू होगी। इस समय उन्हें अच्छी नौकरी मिल सकती है।कुछ लोगों का मानना है कि मौजूदा हालात के कारण अगले साल कैट परीक्षार्थियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

बेंगलुरु स्थित टीआईएमई के निदेशक अजय  अरोड़ा ने बताया कि ‘इस साल कैट में बैठने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। हमें यह भी लगता है कि वैश्विक मंदी को देखते हुए अगले साल भी कैट में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या काफी बढ़ सकती है।’

एनएमआईएमएस की प्रवेश परीक्षा एनमैट की इस साल ऑनलाइन परीक्षा में 54,000 आवेदन किए गए थे। टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के लिए इस साल 11,000 से अधिक  आवेदन किए गए हैं जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 10,000 से कम था।

महाराष्ट्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा के शीर्ष 120 परीक्षार्थियों को जमनालाल बजाज इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (जेबीआईएमएस) में प्रवेश मिलता है। बीते साल इस परीक्षा में 74,000 आवेदक शामिल हुए थे। जेबीआईएमएस के कॉर्पोरेट संबंध समिति के सदस्य राहुल ने बताया कि इस साल आवेदकों की संख्या काफी बढ़ सकती है।

कोचिंग संस्थान इन प्रवेश परीक्षाओं के लिए कुछ सुझाव देते हैं। कैरियर लांचर के शिव कुमार ने बताया कि जीमैट में शामिल होने वाले छात्रों को सूत्रों को याद करने और गणित के कठिन सवालों पर ध्यान देना चाहिए जबकि जैट और स्नैप में शामिल होने वालों को शब्दकोश को बेहतर बनाने पर जोर देना चाहिए।

इस परीक्षाओं में स्पीड का काफी महत्त्व है। इनमें से ज्यादातर परीक्षाओं में 2 से 3 घंटों के दौरान 120 सवालों को हल करना होता है।

जहां तक समूह चर्चा और व्यक्तिगत साक्षात्कार की बात है तो आत्मविश्वास का स्तर, बातचीत का कौशल और अकादमिक ज्ञान के अलावा सामान्य अध्ययन पर ध्यान देना चाहिए।

परीक्षा की तारीख

जेमैट                                 14 दिसंबर 
टिस                                   14 दिसंबर
स्नैप                                  21 दिसंबर
एनमैट                               28 दिसंबर
आईबीसैट                          31 दिसंबर
जैट                                      4 जनवरी
एफएमएस                        11 जनवरी
 स्त्रोत: कैरियर लांचर

First Published - December 14, 2008 | 11:42 PM IST

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