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एफएमसीजी कंपनियां प्रबंधन स्नातकों की पहली पसंद

Last Updated- December 08, 2022 | 10:40 AM IST

त्वरित इस्तेमाल वाली उपभोक्ता वस्तुओं ( एफएमसीजी) का क्षेत्र 2009 बैच के प्रबंधन स्नातकों के लिए सबसे पसंदीदा उद्योग बन कर उभरा है।


यह खुलासा नीलसन कैंपस ट्रैक की ओर से बी स्कूलों पर किए गए सर्वे से हुआ है।

नीलसन कंपनी की सहायक निदेशक वत्सला पंत ने बताया, ‘मौजूदा वित्तीय संकट के कारण छात्रों का रुझान अब बडे उद्योग घरानों और आईटी क्षेत्र से हटकर दूसरे क्षेत्रों की ओर हो रहा है। अगर क्षेत्र विशेष की बात करें तो छात्र वित्तीय क्षेत्र के स्थान पर एफएमसीजी कंपनियों को वरीयता दे रहे हैं।’

उन्होंने बताया कि वित्तीय रोजगार बाजार में मौजूदा हालात सही नहीं हैं और इस वजह से छात्रों को नौकरी के लिहाज से एफएमसीजी क्षेत्र ज्यादा लुभा रहा है। उन्हें लगने लगा है कि इस क्षेत्र में उनका रोजगार अधिक सुरक्षित है।

इसके अलावा नौकरी के लिए मैनेजमेंट कंसल्टिंग (35 फीसदी), सॉफ्टवेयरआईटी कंसल्टिंग (23 फीसदी), विदेशी बैंक और रिटेलिंग (दोनों ही 22 फीसदी) भी एफएमसीजी के साथ प्रबंधन छात्रों के पांच प्रमुख पसंदीदा क्षेत्र बने हुए हैं।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि किस तरह बदलते परिदृश्य में नौकरी के लिहाज से छात्रों की प्राथमिकताएं भी बदली हैं।

इस सर्वे में 40 प्रबंधन संस्थानों के करीब 1,311 छात्रों का साक्षात्कार लिया गया। नीलसन के इस सर्वे के मुताबिक छात्र जिन कंपनियों में काम करने का सपना देखते हैं उनमें मैकेंजी ऐंड को, गूगल, एचयूएल, एसेंचर और पी ऐंड जी प्रमुख हैं। सर्वे में शामिल 30 फीसदी छात्रों ने रतन टाटा को अपना रोल मॉडल बताया।

किसी कंपनी में नौकरी करने के पहले छात्र जिस बात का सबसे अधिक ध्यान रखते हैं वह उनके करियर का विकास है और साथ ही यह भी कि उनके कंपनी में फैसले लेने की कितनी छूट मिल रही है।

इसके अलावा नौकरी की पेशकश स्वीकार करने के पहले छात्र यह भी देखते हैं कि उनकी तनख्वाह कितनी होगी, कंपनी की ब्रांड वैल्यू क्या है और कंपनी में उन्हें कितने घंटे काम करने होंगे।

अपनी ड्रीम कंपनी में छात्र औसतन 14 लाख रुपये की सालाना तनख्वाह पाने की चाहत रखते हैं। हालांकि, आधे से अधिक छात्रों ने मौजूदा हालात को देखते हुए खुद को कम तनख्वाह पर भी काम करने के लिए तैयार कर लिया है।

जब छात्रों से यह पूछा गया कि आने वाले समय में कौन सा क्षेत्र सबसे भरोसेमंद बन कर उभरेगा तो 30 फीसदी छात्रों ने रिटेलिंग का नाम लिया। वहीं 27 फीसदी छात्रों ने मैनेजमेंट कंसल्टेंसी, 25 फीसदी ने इंटरटेनमेंट और मीडिया, 21 फीसदी ने एफएमसीजी और 19 फीसदी छात्रों ने निवेश बैंकिंग को अपनी पसंद बताया।

पिछले कुछ सालों के दौरान प्रबंधन स्नातकों के बीच रिटेल उद्योग का जलवा बढ़ा है। इसके पीछे सरकार की नीतियां और इस क्षेत्र में विदेशी कंपनियों की दिलचस्पी भी बड़ी वजह रही है।

First Published - December 21, 2008 | 11:28 PM IST

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