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नए साल में निर्यातकों के लिए जरूरी सलाह

Last Updated- December 09, 2022 | 9:14 PM IST

मुक्तवरीयता कारोबार समझौते पर नजर रखें


भारत ने पड़ोसी देशों- थाईलैंड, सिंगापुर, चीन, कोरिया, चिली और अफगानिस्तान के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है।

साथ ही वह व्यापार में वरीयता की वैश्विक प्रणाली का भी हिस्सा है, जिसमें 52 विकासशील देश शामिल हैं। इस समझौते में कुछ ऐसे उत्पादों को शामिल किया गया है जिन पर आयात शुल्क में रियायत दी जाती है।

गुणवत्ता बढ़ाएं

अगर ग्राहक आपसे उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने की मांग नहीं भी करता है तो भी अपने उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर बनाएं। वह आपसे लंबे समय के लिए जुड़ा रहेगा और अगर उसे भविष्य में आपके उत्पाद के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़े, तो भी वह उसके लिए तैयार रहेगा।

निष्पक्षता बरतें

अगर आप किसी परेशानी से घिरे हों तो इसके बारे में अपने ग्राहकों को बताएं। छिपाने से आपको कोई फायदा नहीं होगा। अगर इस बारे में आप खुलासा करेंगे तो ग्राहक आपके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगा बल्कि, आपकी मदद ही करेगा।

समय पर डिलिवरी करें

माना कि यह सबसे जरूरी बात है, फिर भी इसे दोहराने में कोई हर्ज नहीं है कि उत्पाद की डिलिवरी सही समय पर करना कितना जरूरी है। आप जो प्रयास करते हैं उसकी तारीफ ग्राहक जरूर करता है।

जोखिम प्रबंधन

हर कारोबार में जोखिम जुड़ा होता है। इससे हर समय बचे रहना भी मुमकिन नहीं होता। पर अगर आप सतर्क रहें तो जोखिम को पहले से भांपा जा सकता है।

जिस जोखिम को आप तीसरे पक्ष को हस्तांतरित नहीं कर सकते हैं, कोशिश करें कि जल्द से जल्द उससे बचा जा सके। इसके लिए पहले से ही रणनीति तैयार करना बेहतर रहता है।

दस्तावेज हों सही

हमेशा कोशिश करें कि आपके दस्तावेज पूरे और बिल्कुल सही हों। सुनिश्चित करें कि आप अपने दस्तावेजों की मैनुअल सूची तैयार करें और आपको पता हो कि कौन कौन से दस्तावेज आपके पास हैं और उनमें कोई गड़बड़ी तो नहीं रह गई है।

चेकलिस्ट का इस्तेमाल करें ताकि आपके दस्तावेज में कोई गलत इंट्री न हो सके। अगर इन सलाहों को माना जाए तो न केवल अच्छे दिनों में ये आपको परेशानी से दूर रखेंगे बल्कि, मुश्किल भरे दिनों में भी आपको हालात को बदलने में समय नहीं लगेगा।

भुगतान शर्तों की समीक्षा करें

जोखिम से बचे रहने से बेहतर है कि ईसीजीसी से कवर प्राप्त कर थोड़ा बहुत जोखिम उठाएं। अगर आप कानूनी सहायता लेना चाहते हैं तो डीए टर्म का इस्तेमाल करें। नहीं तो करार की शर्तों के हिसाब से ही भुगतान संबंधी पचड़ों को सुलझाने की कोशिश करें।

कोशिश करें कि बिल ऑफ लैडिंग के फैक्स पर आपको भुगतान मिल सके। चाहे कोई भी मामला हो भुगतान की शर्तों की समीक्षा बहुत जरूरी है और इसी के आधार पर जल्द से जल्द भुगतान का निर्देश जारी करें।

एक्जिम बैंक की गारंटी का करें इस्तेमाल

एक्जिम बैंक ने हाल ही में गैर विकसित देशों के बहुत से खरीदारों के लिए गारंटी दी है, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए ग्राहकों को भुगतान के लिए अतिरिक्त समय देना मुमकिन हो सकता है।

सस्ता माल भाड़ा

समुद्री माल भाड़े में रिकॉर्ड गिरावट आई है। पहले लैटिन अमेरिका, पूर्वी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीकी देशों के लिए शिपिंग का खर्चा बहुत अधिक हुआ करता था, पर अब इसमें खासी कमी आई है। सरकार भी फोकस मार्केट योजना के तहत इन देशों में निर्यात के लिए शुल्क में 2.5 फीसदी की छूट देती है।

सभी करारों पर ध्यान दें

ज्यादातर निर्यातक एफओबी, सीएफआर और सीआईएफ करारों के अलावा दूसरे करारों की जांच पड़ताल नहीं करते हैं। पर कई दफा दूसरे करारों को जांचना और उनका इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।

निर्यात संवर्धन योजना का लाभ उठाएं

जरूरी है कि आप सही योजनाओं का चुनाव करें। बेकार ही ज्यादा सेनवैट क्रेडिट का लाभ उठाना भी सही नहीं होता है। मशीनरी खरीदने के लिए ईपीसीजी योजना का लाभ उठाएं।

स्टैंडबाई साख पत्र

अगर एक ही पार्टी को बार बार माल भेजना हो तो हर बार साख पत्र की मांग करने से एक ही बार स्टैंडबाई साख पत्र बेहतर है।

स्टैंडबाई साख पत्र को एक गारंटी की तरह देखा जाना चाहिए और इससे दस्तावेज को सीधे खरीदारों को भेजा जा सकता है और खर्च में कटौती की जा सकती है।

बैंकों के जरिए दस्तावेज भेजने में जो समय बरबाद होता है उसे भी बचाया जा सकता है।

First Published - January 11, 2009 | 11:40 PM IST

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