BSE का शेयर सोमवार को करीब 7 फीसदी की उछाल के साथ अब तक के सर्वोच्च स्तर 1,695 रुपये पर बंद हुआ। यह बढ़ोतरी एक्सचेंज की तरफ से सेंसेक्स के ऑप्शन कारोबार में लेनदेन शुल्क में किए गए बदलाव के कारण देखने को मिली। यह बदलाव 1 नवंबर से प्रभावी होगा।
एक्सचेंज ने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव के बाकी अनुबंधों के लिए दरें अपरिवर्तित रहेंगी। अक्टूबर में अब तक BSE सेंसेक्स ऑप्शन का रोजाना औसत कारोबार 23,616 करोड़ रुपये रहा है।
जुलाई से अब तक रोजाना औसत कारोबार में चार गुने की उछाल आई है, जो तब 5,617 करोड़ रुपये था। हालांकि यह अभी भी एनएसई इंडेक्स ऑप्शन के वॉल्यूम का मामूली हिस्सा भर है।
संशोधन के बाद सेंसेक्स ऑप्शंस के लिए लेनदेन शुल्क 500 रुपये प्रति करोड़ से शुरू होगा और यह 3 करोड़ रुपये के मासिक टर्नओवर के स्लैब तक के लिए है। 3 करोड़ से 100 करोड़ रुपये के मासिक टर्नओवर के लिए यह 3,750 रुपये होगा।
BSE ने कहा, ज्ल्द एक्सपायर होने वाले ऐसे अनुबंधों पर प्रीमियम आधारित टर्नओवर की गणना रोजाना आधार पर होगी और इसे माह के अंत में संचयी बना दिया जाएगा। मई में सेंसेक्स और बैंकेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों की दोबारा पेशकश के बाद से BSE के शेयरों में काफी तेजी देखने को मिली है।
इन अनुबंधों का आकार छोटा है और सप्ताह में एक्सपायरी होती है। इस साल शेयर कीमतों में 213 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसकी दोबारा पेशकश के साथ BSE ने इसकी कीमत एनएसई के मुकाबले काफी कम रखी है ताकि अपने प्लेटफॉर्म पर ज्यादा ट्रेड आकर्षित कर सके।
यह कोशिश इस सेगमेंट में अपनी पकड़ दोबारा बहाल करने के लिए है, जिसका असर दिख रहा है। जून 2023 के शून्य के मुकाबले अब BSE डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म पर ऐक्टिव क्लाइंटों की संख्या 4 लाख हो गई है।
हालांकि पिछले हफ्ते HDFC सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि BSE अपनी कीमतों में इजाफा करेगी, जो आगे उसके राजस्व की रफ्तार को सहारा देगा।