भारतीय डिफेंस सेक्टर में बड़ा निवेश अवसर खुल रहा है। एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने अपनी ताज़ा रिसर्च रिपोर्ट में साफ कहा है कि सरकार के हालिया फैसलों से डिफेंस कंपनियों के लिए आने वाले सालों में ज़बरदस्त ग्रोथ का रास्ता तैयार हो चुका है। रिपोर्ट में PTC Industries, HAL, BEL, BDL, Mazagon Dock और GRSE जैसी कंपनियों पर BUY रेटिंग दी गई है।
सरकार का फोकस: घरेलू डिफेंस निर्माण
डिफेंस मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने हाल ही में ₹54,000 करोड़ के डिफेंस सौदों को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2025 के दौरान अब तक कुल ₹2.2 लाख करोड़ के डिफेंस प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। खास बात यह है कि इन सौदों में 75% तक घरेलू कंपनियों से खरीद पर ज़ोर दिया गया है। यह आंकड़ा 2019 में सिर्फ 54% था, जो अब तेजी से बढ़ा है और आने वाले सालों में और ऊपर जाने की उम्मीद है। इसका सीधा फायदा उन भारतीय कंपनियों को होगा जो डिफेंस उपकरणों और हथियारों का निर्माण करती हैं।
1. PTC Industries (PTCIL) – टारगेट प्राइस: ₹19,639
PTC इंडस्ट्रीज एडवांस्ड मेटल और कंपोनेंट्स के निर्माण में माहिर है। कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ के तहत कई हाई-टेक डिफेंस प्रोजेक्ट्स में शामिल है। DCF आधारित मूल्यांकन के जरिए कंपनी का टारगेट प्राइस ₹19,639 तय किया गया है। आज BSE पर कंपनी का शेयर 13169.65 रुपये पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस को देखते हुए इसमें 49% अपसाइड की संभावना है। कंपनी को लंबी अवधि में स्वदेशी डिफेंस उपकरण निर्माण के कारण फायदा मिलेगा।
2. Hindustan Aeronautics Ltd (HAL) – टारगेट प्राइस: ₹4,887
HAL देश की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है। यह फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, इंजन और एवियोनिक्स सिस्टम बनाती है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को बड़ी मात्रा में नए ऑर्डर्स मिलने वाले हैं। EPS के आधार पर 40x मल्टीपल पर कंपनी का टारगेट प्राइस ₹4,887 रखा गया है। आज BSE पर कंपनी का शेयर 3888.75 रुपये पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस को देखते हुए इसमें 26% अपसाइड की संभावना है।
3. Bharat Electronics Ltd (BEL) – टारगेट प्राइस: ₹376
BEL की स्थिति बहुत मजबूत है। वित्त वर्ष 2025 में अब तक कंपनी ने ₹17,030 करोड़ के ऑर्डर बुक किए हैं। इनमें प्रमुख ऑर्डर हैं –
अश्विनी रडार – ₹2,460 करोड़
सॉफ्ट डिफाइंड रेडियो – ₹1,290 करोड़
डेटा कम्युनिकेशन टर्मिनल – ₹1,030 करोड़
इलेक्ट्रो-ऑप्टिक फायर कंट्रोल सिस्टम – ₹610 करोड़
FY25 में BEL ₹25,000 करोड़ तक के ऑर्डर इनफ्लो का गाइडेंस दे रही है। आने वाले सालों में QRSAM (₹25,000–30,000 करोड़), लंबी दूरी के रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स से कंपनी को फायदा मिलेगा। टारगेट प्राइस EPS के आधार पर ₹376 रखा गया है। आज BSE पर कंपनी का शेयर 295.75 रुपये पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस को देखते हुए इसमें 27% अपसाइड की संभावना है।
4. Bharat Dynamics Ltd (BDL) – टारगेट प्राइस: ₹1,351
BDL मिसाइल निर्माण में अग्रणी कंपनी है। हाल ही में कंपनी ने भारतीय नौसेना के लिए MRSAM (मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल) का ₹2,960 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। कंपनी की ऑर्डर बुक अब ₹20,700 करोड़ तक पहुंच चुकी है।
अगले 2-3 सालों में BDL को ₹20,000 करोड़+ के नए बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना है, जैसे:
Astra MK II
QRSAM
और अन्य MRSAM प्रोजेक्ट्स
FY26 में कंपनी को सप्लाई चेन नॉर्मलाइज होने के बाद 30% से ज्यादा रेवेन्यू ग्रोथ और 16%+ मार्जिन की उम्मीद है। EPS आधारित मूल्यांकन से टारगेट प्राइस ₹1,351 दिया गया है। आज BSE पर कंपनी का शेयर 1,275.40 रुपये पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस को देखते हुए इसमें 6% अपसाइड की संभावना है।
5. Mazagon Dock Shipbuilders (MAZDOCKS) – टारगेट प्राइस: ₹2,757
MAZDOCKS भारत की प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी है, जो नौसेना के लिए पनडुब्बियां और युद्धपोत बनाती है। डिफेंस बजट में इजाफा और स्वदेशी निर्माण के चलते MAZDOCKS को लगातार नए ऑर्डर्स मिलने की उम्मीद है। कंपनी का टारगेट प्राइस EPS के आधार पर ₹2,757 निर्धारित किया गया है। आज BSE पर कंपनी का शेयर 2590 रुपये पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस को देखते हुए इसमें 6% अपसाइड की संभावना है।
6. Garden Reach Shipbuilders (GRSE) – टारगेट प्राइस: ₹1,783
GRSE भी नेवी के लिए युद्धपोत और अन्य जहाज बनाने में अग्रणी है। कंपनी को आने वाले सालों में डिफेंस खर्च बढ़ने से बड़े प्रोजेक्ट्स मिलने की संभावना है। EPS के आधार पर टारगेट प्राइस ₹1,783 रखा गया है। आज BSE पर कंपनी का शेयर 1701 रुपये पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस को देखते हुए इसमें 5% अपसाइड की संभावना है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। लेख में दी गई सिफारिशों से होने वाले लाभ या हानि के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है।