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एल ऐंड टी: माहौल का पड़ रहा असर

Last Updated- December 08, 2022 | 9:46 AM IST

प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी लॉर्सन एंड टुब्रो को लगातार नए आर्डर मिल रहे हैं। हाल में इसे भारतीय रेलवे से 5,000 करोड़ रुपये का नया ऑर्डर मिला है।


इसी के चलते कंपनी का मानना है कि वह मार्च 2009 तक अपनी ऑर्डर बुक में 9,000 करोड़ रुपये का इजाफा कर इसे 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा सकती है।

यह मार्च 2008 के स्तर से 50 फीसदी अधिक होगा। बाजार की परेशानी यह है कि उसके लिए कंपनी के बारे में 2009-10 की भविष्यवाणी करना अधिक मुश्किल होता जा रहा है।

कंपनी प्रबंधन भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि वर्तमान में चल रहे नकदी के संकट और कमजोर होती मांग के चलते सचमुच कितनी परियोजनाएं पूरी हो सकेंगी।

सीएमआईई के अध्ययन के मुताबिक 2008-09 की पहली छमाही में 76,500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं फिलहाल रद्द कर दी गईं।

यही नही सिटी ग्रुप देश का अर्थव्यवस्था की विकास दर का आकलन घटाकर 6.8 फीसदी कर सकता है। उसने इसे पहले 7.2 फीसदी तय किया था। 

अगर उद्योग में मंदी आ रही है तो यह इस इंजीनियरिंग कंपनी के लिए अच्छी खबर नहीं है। इसी के चलते 2009-10 में एल एंड टी के ऑर्डर अधिकतम 5 से 10 फीसदी ही बढ़ सकते हैं।

वर्ष 2007-08 में  कंपनी का राजस्व 24,855 करोड रुपये था जिसमें पिछले साल के मुकाबले 41 फीसदी का इजाफा हुआ था। इस अवधि में उसका शुध्द मुनाफा भी 55 फीसदी बढ़कर 2,173 करोड़ रुपये हो गया था।

सितंबर तक की पहली छमाही में एल एंड टी का राजस्व 46 फीसदी बढ़कर 14,584 करोड़ रुपये हो गया था। लेकिन लागत के दबाव के कारण 33 फीसदी ही बढ़ा था।

साल की दूसरी छमाही में भले ही कम संख्या में कंपनी अपने ऑर्डर पूरे करे, एल एंड टी अपने राजस्व में 30 से 35 फीसदी का इजाफा करने में सफल रहेगी। खुद कंपनी ने भी इतनी ही वृध्दि का अनुमान लगाया है।

अगर अर्थव्यवस्था के हालात में कोई अहम सुधार नहीं हुआ तो कंपनी के लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है। जनवरी से लेकर अब तक कंपनी का शेयर 61 फीसदी गिरा, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इसके प्रदर्शन में सुधार हुआ है।

First Published - December 17, 2008 | 9:20 PM IST

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