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Mutual Fund की NSE में लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर, FPI की घटी

सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक एलआईसी (LIC) की हिस्सेदारी मार्च, 2024 तक बढ़कर 3.75 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर, 2023 तक 3.64 प्रतिशत थी।

Last Updated- May 06, 2024 | 7:30 PM IST
Debt Funds

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियों की नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही में अपने अबतक के उच्चतम स्तर 8.92 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इस दौरान शुद्ध प्रवाह 81,539 करोड़ रुपये रहा।

पूंजी बाजार के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने वाला प्राइम डाटाबेस ग्रुप की इकाई ग्रुपप्राइमइनफोबेस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इसकी तुलना में दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 8.81 प्रतिशत थी।

सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक एलआईसी (LIC) की हिस्सेदारी मार्च, 2024 तक बढ़कर 3.75 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर, 2023 तक 3.64 प्रतिशत थी। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की हिस्सेदारी समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 16.05 प्रतिशत हो गई जो इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में 15.96 प्रतिशत थी। यह वृद्धि 1.08 लाख करोड़ रुपये के भारी प्रवाह के कारण हुई।

दूसरी ओर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की हिस्सेदारी मार्च, 2024 की स्थिति के अनुसार घटकर 11 साल के निचले स्तर 17.68 प्रतिशत पर आ गई, जो दिसंबर, 2023 में 18.19 प्रतिशत थी। इससे एफपीआई और डीआईआई हिस्सेदारी के बीच अंतर बढ़ा है।

डीआईआई हिस्सेदारी अब एफपीआई हिस्सेदारी से केवल 9.23 प्रतिशत कम है। इसके साथ यह अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।

प्राइम डाटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ रहा है और अगली कुछ तिमाहियों में डीआईआई की हिस्सेदारी एफपीआई से आगे निकल जाएगी।’’

यह विश्लेषण मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए एनएसई पर सूचीबद्ध कुल 1,989 कंपनियों में से 1,956 की तरफ से दिये गये शेयरधारिता ब्योरे पर आधारित है। 22 अप्रैल तक, 33 कंपनियों को अपना शेयरधारिता का आंकड़ा दाखिल करना था।

First Published - May 6, 2024 | 7:30 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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