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म्यूचुअल फंड कंपनियां अब विदेशी फंडों में कर सकेंगी निवेश, SEBI ने दी सशर्त मंजूरी

यह छूट इस शर्त पर दी गई है कि ऐसे विदेशी कोषों का भारतीय प्रतिभूतियों में कुल निवेश उनकी शुद्ध संपत्ति के 25 प्रतिशत से अधिक न हो।

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भाषा   
Last Updated- November 04, 2024 | 7:11 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड कंपनियों (MF) को उन विदेशी म्यूचुअल फंड या यूनिट ट्रस्ट में निवेश की सोमवार को अनुमति दे दी जो अपनी संपत्ति का एक निश्चित हिस्सा भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।

बता दें कि यह छूट इस शर्त पर दी गई है कि ऐसे विदेशी कोषों का भारतीय प्रतिभूतियों में कुल निवेश उनकी शुद्ध संपत्ति के 25 प्रतिशत से अधिक न हो।

नया ढांचा तत्काल प्रभाव से लागू

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने एक परिपत्र में कहा कि इस कदम का उद्देश्य विदेशी एमएफ/यूनिट ट्रस्ट में निवेश को सरल बनाना, निवेश के तरीके में पारदर्शिता लाना और एमएफ को अपने विदेशी निवेश में विविधता लाने में सक्षम बनाना है। सेबी ने कहा कि नया ढांचा तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा।

परिपत्र के मुताबिक, एमएफ योजनाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेशी एमएफ/ यूनिट ट्रस्ट में सभी निवेशकों के अंशदान को किसी सहयोगी इकाई के बगैर एकल निवेश साधन में ही शामिल कर दिया जाए। विदेशी एमएफ/ यूनिट ट्रस्ट का कोष इस तरह का होना चाहिए जिसमें कोई अलग-अलग पोर्टफोलियो न हों ताकि यह सुनिश्चित हो कि सभी निवेशकों के पास फंड में समान और आनुपातिक अधिकार हों।

बाजार नियामक ने हितों के टकराव को रोकने के लिए भारतीय म्यूचुअल फंड और अंतर्निहित विदेशी म्यूचुअल फंड के बीच सलाहकार समझौतों पर रोक लगा दी है।

सेबी ने अपने परिपत्र में कहा, ‘‘भारतीय म्यूचुअल फंड योजनाएं उन विदेशी एमएफ/ यूनिट ट्रस्ट में भी निवेश कर सकती हैं जिनका भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश है। इसके लिए शर्त बस यह है कि इन विदेशी एमएफ/यूनिट ट्रस्ट का भारतीय प्रतिभूतियों में कुल निवेश उनकी परिसंपत्तियों के 25 प्रतिशत से अधिक न हो।’’

First Published : November 4, 2024 | 7:11 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)