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बाजार से जुड़े खुलासे में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सेबी अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) के दायरे को बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
बाजार नियामक की इसमें प्रस्तावित पूंजी जुटाने की गतिविधियों, पुनर्गठन योजनाओं और एकमुश्त बैंक निपटान को शामिल करने की योजना है।
सेबी ने अपने परामर्श पत्र में प्रस्ताव दिया है कि शेयरधारक, संयुक्त उद्यम और पारिवारिक निपटान सहित केवल ऐसे समझौते, जो फर्म के प्रबंधन और नियंत्रण को प्रभावित करते हैं और फर्म को ज्ञात हैं, उन्हें मूल्य संवेदनशील माना जाना चाहिए।
इसके अलावा कॉरपोरेट दिवाला कार्यवाही के प्रमुख घटनाक्रम को मूल्य-संवेदनशील सूचना के रूप में बताना चाहिए। यदि धन के दुरुपयोग या वित्तीय गलत बयानों जैसे मुद्दों के चलते फोरेंसिक ऑडिट शुरू किया जाता है या कोई निष्कर्ष निकाला जाता है, तो उसे भी मूल्य-संवेदनशील सूचना के रूप में बताना चाहिए।