अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने ऊंची मुद्रास्फीति पर काफी हद तक काबू पा लिया है और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी बढ़ गई है, जिससे उत्साहित भारत और दूसरे देशों के बाजार आज चढ़ गए। बेंचमार्क निफ्टी तो रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। निफ्टी 135 अंक की तेजी के साथ अपने पिछले उच्चतम स्तर 20,192 को लांघकर 20,268 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक 20,292 तक पहुंच गया था। सेंसेक्स भी 493 अंक चढ़कर 67,481 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 15 सितंबर के अपने उच्चतम बंद स्तर 67,839 से महज 358 अंक पीछे है।
बीते पांच महीने में सूचकांकों के लिए यह सबसे अच्छा हफ्ता साबित हुआ। देसी-विदेशी निवेशकों की लिवाली से इस हफ्ते निफ्टी में 2.4 फीसदी और सेंसेक्स में 2.3 फीसदी तेजी दर्ज की गई।
बाजार में यह तेजी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने की वजह से आई है। देश का जीडीपी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.6 फीसदी बढ़ा, जबकि बाजार को 6.8 फीसदी वृद्धि के आसार दिख रहे थे। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि सितंबर तिमाही में मजबूत आंकड़ों ने आगे अच्छी वृद्धि की राह तैयार की है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में लिखा है, ‘हम मानते हैं कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 8 फीसदी से कुछ ज्यादा रह सकती है, जिससे पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि 7.9 फीसदी होगी। आम चुनावों के बाद रोजगार और उत्पादकता के लिए व्यापक सुधार होने से वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी में 8.4 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।’
राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे अहम राज्यों के हाल में संपन्न विधान सभा चुनावों के एक्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बढ़त देखकर भी निवेशकों में जोश बढ़ा है। विशेषज्ञों ने कहा कि इन राज्यों में भाजपा की जीत से केंद्र में राजनीतिक स्थायित्व की उम्मीद बढ़ेगी।
इस बीच अधिकांश वैश्विक बाजारों में नवंबर के दौरान अच्छी तेजी रही। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में नरमी देखते हुए निवेशक 2024 की पहली छमाही से दरों में कटौती पर दांव लगा रहे हैं, जिससे एमएससीआई ऑल कंट्री वर्ल्ड इंडेक्स नवंबर में 9 फीसदी बढ़ा, जो तीन साल में सबसे बड़ी मासिक वृद्धि है।
मैप इन्वेस्टमेंट्स में निवेश रणनीति के प्रमुख शेन ओलिवर ने कहा, ‘शेयरों में बड़ी उछाल ने इन्हें तकनीकी रूप से ज्यादा महंगा कर दिया है और निकट भविष्य में इनमें गिरावट का जोखिम है। मगर साल के अंत में और अगले साल की शुरुआत में मुद्रास्फीति में नरमी बरकरार रहने पर शेयरों में तेजी आ सकती है।’
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 4 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया था। बीएसई पर एनएसई की तुलना में ज्यादा शेयर सूचीबद्ध हैं और इसका बाजार पूंजीकरण पिछले बुधवार को ही 4 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया था। बीएसई पर 2,109 शेयर चढ़कर और 1,638 गिरकर बंद हुए।