चीनी सेक्टर में निवेशकों के लिए बलरामपुर चीनी मिल्स एक बेहतरीन दांव साबित हो सकता है। सेंट्रम ब्रोकरेज ने इस स्टॉक को अपनी टॉप पिक में शामिल किया है और लॉन्ग टर्म में 65% तक का रिटर्न मिलने की उम्मीद जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी की बढ़ती कीमतें, निर्यात कोटे में बढ़ोतरी और सरकार की नीतियों से इस सेक्टर में शानदार ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
चीनी उत्पादन में गिरावट, कीमतों में मजबूती
देशभर में इस बार चीनी उत्पादन में भारी गिरावट आई है। 15 फरवरी 2025 तक कुल उत्पादन 19.77 MMT रह गया, जबकि पिछले साल यह 22.48 MMT था। महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता में कमी आई है, जिससे उत्पादन और घट सकता है। हालांकि, इसका फायदा कंपनियों को मिलेगा क्योंकि डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम रहने से चीनी की कीमतें ऊपर बनी रहेंगी।
सरकार की नीतियों से सेक्टर को सपोर्ट
सरकार ने हाल ही में 1MMT चीनी निर्यात कोटे की घोषणा की है, जिससे कंपनियों को अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा। इसके अलावा, रुपए के अवमूल्यन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में उछाल का सीधा असर भारतीय चीनी कंपनियों के मुनाफे पर दिखेगा। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि ये सभी फैक्टर बलरामपुर चीनी मिल्स के बिजनेस मॉडल को मजबूत करेंगे और इसका सीधा फायदा निवेशकों को मिलेगा।
बलरामपुर चीनी मिल्स पर बुलिश सेंटिमेंट, निवेशकों के लिए बड़ा मौका
सेंट्रम ब्रोकरेज ने बलरामपुर चीनी मिल्स के लिए ₹715 का टारगेट प्राइस तय किया है, जबकि अभी इसका शेयर ₹432 पर ट्रेड कर रहा है। यानी मौजूदा स्तर से 65% का अपसाइड पोटेंशियल दिख रहा है। कंपनी का मुनाफा बढ़ने की संभावना है क्योंकि चीनी की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं और लागत नियंत्रण में है।
कुल मिलाकर, कम चीनी उत्पादन और मजबूत कीमतों की वजह से इस सेक्टर में कंपनियों का मुनाफा बढ़ सकता है। सरकार की ओर से चीनी निर्यात को लेकर लिए गए फैसले, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतें और रुपए की गिरावट कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इन सभी फैक्टर्स को देखते हुए, बलरामपुर चीनी मिल्स निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न देने वाली कंपनी साबित हो सकती है।
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है और इसे निवेश सलाह न माना जाए। निवेश जोखिम के अधीन होता है, इसलिए निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)