आयकर विभाग ने 1,700 करोड़ रुपये की कर चोरी का पर्दाफाश किया है। आयकर की यह चोरी उन कंपनियों और अमीरों ने की जिन्होंने ऑनलाइन टैक्स रिटर्न जमा कराया था।
ऑनलाइन कर जमा की जांच करते समय आयकर विभाग ने पाया कि सेल्फ टैक्स एसेसेमेंट (करदाताओं द्वारा कर की राशि के बारे में खुद ही फैसला करना और उसी अनुसार इसका भुगतान करना) के तहत करीब 1,714 करदाताओं ने अपने बकाया कर का भुगतान नहीं किया है। कुछ मामलों में तो कर की बकाया रकम 100 करोड रुपये पाई गई।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कंपनियों के लिए वर्ष 2006 से करों का भुगतान ऑनलाइन करना अनिवार्य कर दिया है जबकि अन्य बड़े और अमीर करदाताओं के लिए इसे वर्ष 2007 से अनिवार्य कर दिया गया।
अब तक इन दोनों श्रेणियों के करदताओं द्वारा ऑनलाइन कर भुगतान के करीब 7,50,000 के मामले सामने आए हैं जिनका भुगतान इस साल मार्च 2008 तक होना चाहिए था।
कर की चोरी का पर्दाफाश किए जाने के बाबत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीडीबीटी) के सदस्य सरोज बाला ने बताया कि हमने सेल्फ टैक्स एसेसमेंट केतहत ऑनलाइन भुगतान किए 10 लाख रुपये से ज्यादा के करों के मामले देखे और उनके प्रिंट लिए। फिर इनका मिलान किया गया।
आयकर विभाग ने इन मामलों को संबंधित क्षेत्रों को भेजा है। जांच के दौरान पाया गया कि इन करों का भुगतान तो बताया जा रहा है लेकिन वास्तव में इनका भुगतान हुआ ही नहीं है। इस सूची को देश के सभी आयकर कार्यालयों को भेज दिया गया है।