ऋण के कम उठाव के कारण पिछले कुछ हफ्तों में भले ही बैंकिंग शेयरों में गिरावट आ गई और मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण ब्याज दरें घटने की संभावना धूमिल पड़ गई हो लेकिन इसके बावजूद म्युचुअल फंड कंपनियों ने उम्मीद कायम रखी है।
दरअसल म्युचुअल फंड कंपनियां अभी भी वित्तीय क्षेत्र को काफी मजबूत मान रही हैं।कोटक महिंद्रा एएमसी, सुंदरम बीएनपी परिबा और एलआईसी म्युचुअल फंड जैसी देश की विभिन्न फंड कंपनियों ने वित्तीय सेवा क्षेत्र को लक्षित करने के लिए उत्पाद पेश करने की योजना बनाई है।
कोटक महिंद्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदेश किरकिरे ने बताया, ‘पिछले मंगलवार को भारत में स्थित बैंकों की बैलेंस शीट की स्थिति विश्व के अन्य बैंकों की तुलना में बेहतर थी। अगर भारतीय बैंक विकास के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को दूर कर लें तो भविष्य में वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।”
हाल ही में बैंकिंग क्षेत्र में हुए संशोधन को स्वीकार करते हुए किरकिरे ने बताया कि वैश्विक प्रवृतियों से अर्थव्यवस्था और बैंकिंक क्षेत्रों में बाधा उत्पन्न होती है और यह कोई अपवाद नहीं है।गौरतलब है कि कंपनी पहले ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ कोटक महिंद्रा बैंकिंग और फाइनैंशियल सर्विसेज फंड के लिए पेशकश दस्तावेज (ऑफर डॉक्यूमेंट) भर चुकी हैं।इसमें कोई शक नहीं कि अधिकांश फंड प्रबंधकों के लिए बैंक शेयर लंबे समय से पसंदीदा शेयर रहे हैं।
हालांकि, इसके इतर वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने वाले क्षेत्रों में जो कम पसंद किए जाने वाले शेयर हैं उनमें वित्तीय संस्थानों के शेयर, ब्रोकिंग कंपनियां और हॉउसिंग फाइनैंस शामिल हैं।रेलिगेयर इंटरप्राइजो के राष्ट्रीय प्रमुख कमलेश गांधी ने बताया कि वित्तीय क्षेत्रों के शेयरों के मूल्यांकन में कमी आई है लेकिन इसके बावजूद भारतीय कंपनियों की स्थिति काफी अच्छी है और उपभोक्ताओं के लिए यह लगातार आकर्षक का केंद्र बना हुआ है।