आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के शोध प्रमुख एवं वरिष्ठ फंड प्रबंधक अनीश तावकले का कहना है कि मूल्यांकन सस्ते नहीं हैं और अल्पावधि परिदृश्य इक्विटी के लिए अनिश्चित बना हुआ है। समी मोडक के साथ साक्षात्कार में उन्होंने उन निवेश रणनीतियों पर बातचीत की जिन पर निवेशक विचार कर सकते हैं। पेश हें उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या मौजूदा मूल्यांकन अधिक सहज लग रहे हैं? या बदलते परिदृश्य, खासकर ब्याज दरके मोर्चे पर रेटिंग में गिरावट की आशंका बढ़ी है?
भले ही बाजार ऊंचे स्तरों से नीचे आया है, लेकिन भारतीय इक्विटी मूल्यांकन के लिहाज से अभी भी सस्ते दायरे में नहीं है। इसके अलावा हमारा यह भी मानना है कि अल्पावधि में अनिश्चितता बनी रहेगी, काफी हद तक उतार-चढ़ाव कच्चे तेल की कीमतों और भूराजनीतिक घटनाक्रम की वजह से दिखेगा। इसलिए निवेशकों को अपनी अल्पावधि प्रतिफल की उम्मीद कम रखनी चाहिए और अल्पावधि लाभ के लिए निवेश से दूर रहना चाहिए। लेकिन 3 से 5 साल की अवधि के लिहाज से निवेशक पोजीशन बना सकते हैं। हालांकि अर्थव्यवस्था में गिरावट उस स्थिति में पहुंच गई है कि हमें विश्वास है कि वास्तविक मांग पैदा हो सकती है, कॉरपोरेट पूंजीगत खर्च चक्र में सुधार आ सकता है और बैंक बैलेंस शीट भी अच्छी हालत में है।
लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में से किसमें बेहतर रिस्क-रिवार्ड की पेशकश की है?
हम इस समय लार्जकैप को पसंद कर रहे हैं। एफपीआई की बिकवाली के बाद, लार्जकैप मूल्यांकन उचित हो गया है।
क्या यह बड़े और एकमुश्त निवेश के लिए सही समय है?
यदि निवेशक इक्विटी में पैसा लगाना चाहता है तो अल्पावधि अनिश्चितता को देखते हुए, यह एसआईपी के जरिये निवेश का बेहतर समय है। एकमुश्त निवेश के लिए अन्य विकल्प है डायनेमिक तौर पर प्रबंधित परिसंपत्ति आवंटन योजना में पैसा लगाना। ऐसी योजना व्यवस्थित तरीके से पूंजी लगाएगी, जिसमें निवेशक इक्विटी बाजार की अनिश्चितता का लाभ उठा सकता है।
क्या अक्टूबर 2021 या जनवरी 2022 कुछ बीटा निवेश भुनाने के लिए सही समय था, क्योंकि मूल्यांकन सर्वाधिक ऊंचे स्तरों पर पहुंच गया था?
अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 के दौरान हमारी परिसंपत्ति आवंटन स्कीम में इक्विटी भागीदारी 35.3 प्रतिशत और 32.8 प्रतिशत थी। चूंकि बाद के महीनों में इक्विटी में गिरावट आई, इसलिए हमने जून 2022 तक इक्विटी निवेश बढ़ाकर 38.5 प्रतिशत किया।
थीम के तौर पर वैल्यू की लोकप्रियता बढ़ी है। क्या इसमें और संभावना बची है? क्या पीएसयू के अलावा अन्य क्षेत्र भी वैल्यू की पेशकश करते हैं?
पीएसयू खंड में कुछ खास क्षेत्रों में वैल्यू बरकरार है। फंड हाउस के तौर पर हम इस स्पेस पर सकारात्मक हैं, क्योंकि मूल्यांकन अब इसमें आकर्षक हो गया है। इन शेयरों में बेहतर मार्जिन है।
अगले 2-3 साल के दौरान कौन से प्रमुख थीम कारगर साबित होंगे?
यदि अर्थव्यवस्था अगले 2-3 साल में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो घरेलू चक्रीयता संबंधित क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना है। इनमें जमा संपन्न बैंक, उद्योग, पूंजीगत वस्तु और ऑटोमोबाइल शामिल हैं। इस बीच, एफएमसीजी ऐसा क्षेत्र रहेगा, जिससे परहेज करना होगा, क्योंकि ये कंपनियां बेहद ऊंचे मार्जिन पर परिचालन कर रही हैं और इसमें बदलाव की संभावना है।
बैंकिंग शेयरों के लिए क्या संभावनाएं हैं? इन शेयरों ने मौजूदा समय में बाजार की तेजी के बावजूद कमजोर प्रदर्शन किया है।
हम ऋण वृद्धि की तेज रफ्तार के साथ जमा-आधारित बैंकों पर सकारात्मक बने हुए हैं। कम दर और व्यवस्था में पर्याप्त नकदी की स्थिति वाले परिवेश में जमा फ्रेंचाइजी ने सक्रियता नहीं बढ़ाई है। हालांकि तरलता में सख्ती और दर वृद्धि के साथ मजबूत जमा फ्रेंचाइजी की आय क्षमता मजबूत होगी। साथ ही आपको उपभोक्ता असुरक्षित उधारी क्षेत्र में संभावित नकारात्मक घटनाक्रम को ध्यान में रखना चाहिए।