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यूलिप का पैसा कहां-कहां, होगी जांच

Last Updated- December 09, 2022 | 9:27 PM IST

बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) अब जल्द ही बीमा कंपनियों से कहेगा कि वे विभिन्न फर्मों में अपने यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान)कारोबार का समूचा ब्योरा उपलब्ध कराएं।


इस बारे में आईआरडीए के  एक अधिकारी ने बताया कि अगर किसी बीमा कंपनी का किसी कंपनी या कारोबारी समूह में उसके यूलिप धन का 0.25 फीसदी हिस्से से ज्यादा पाया जाता है तो फिर ऐसी स्थिति में उस बीमा कंपनी क बीमा नियामक को इसकी इत्तला देनी पड़ेगी।

उल्लेखीय है कि आईआरडीए का यह फैसला सत्यम में धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद आया है। देश की दो सबसे बड़ी बीमा कंपनियों भारतीय जीवन बीमा निगम और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की सत्यम में संयुक्त रूप से 6.81 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है।

उल्लेखनीय है कि  सत्यम के अध्यक्ष बी रामलिंग राजू द्वारा कंपनी में फर्जीवाड़े की बात कबूल करने के बाद सत्यम के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई और उसका शेयर  79 फीसदी तक लुढ़क गया।

शेयरों में गिरावट का असर बीमा कंपनियों द्वारा बेचे गए यूलिप की कुल परिसंपत्तियों पर भी पड़ा है। सत्यम में जब से धोखाधड़ी की बात सामने आई है तब से ही नियामक बीमा कंपनियों के यूलिप कारोबार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने पर विचार कर रहा था लेकिन अब वह सबसे उनके कारोबार की जानकारी मांगने जा रहा है।

आईआरडीए के सूत्रों का कहना है कि बीमा कंपनियों को सत्यम के साथ अपने कारोबार के बारे में 10 फरवरी तक सभी आंकड़े उपलब्ध कराने होंगे। इससे पहले आईआरडीए ने जीवन बीमा कंपनियों को दिसंबर में अपने निवेश का ब्योरा देने का निर्देश दिया था।

यूलिप के मामले में जहां ज्यादातर निवेश इक्विटी बाजार में होता है, कंपनियां अपने फंडों का 90-95 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में निवेश करती हैं।

आईआरडीए के नियमों के अनुसार बीमा कंपनियों को उनके फंड का 50 फीसदी हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में, 15 फीसदी बुनियादी ढांचे जबकि 35 फीसदी हिस्सा शेयरों में निवेश करने की छूट दी गई है।

आईआरडीए के नियमों के अनुसार बीमा कंपनियों को  किसी एक कंपनी में 10 फीसदी तक निवेश की छूट होती है।

First Published - January 13, 2009 | 8:51 PM IST

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