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EPFO ने EPS सदस्यों के लिए जारी किए नए दिशानिर्देश

EPFO ने कहा कि अगर एक ही प्रतिष्ठान से मिल रहा वेतन 15,000 रुपये से ज्यादा है तो पूरा 24 प्रतिशत भविष्य निधि (पीएफ) अंशदान सिर्फ पीएफ खाते में बहाल रखा जाएगा।

Last Updated- January 31, 2024 | 10:35 PM IST
Pension, retirement saving

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने ताजा सर्कुलर में कई खाते रखने वाले सदस्यों की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के नियमन के दिशानिर्देश जारी किए हैं।

सोमवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगर ईपीएस के सदस्य के समवर्ती रोजगार के कई खाते हैं और वह एक साथ दो या अधिक संस्थानों में काम करता है, तो प्रत्येक प्रतिष्ठान से पेंशन की गणना वास्तविक आधार पर निकासी की तारीख पर की जाएगी और सभी प्रतिष्ठानों से देय पेंशन को एकत्रित किया जाएगा।

सर्कुलर में कहा गया है, ‘कुल मिलाकर पेंशन योग्य वेतन किसी भी समय में वेतन की सीलिंग से ऊपर नहीं होगा। अगर यह वेतन सीलिंग से ऊपर जाता है तो बढ़े हुए वेतन से प्राप्त अंशदान को भविष्य निधि खाते में डाल दिया जाएगा और न्यूनतम पेंशन के प्रावधान सिर्फ कुल पेंशनयोग्य राशि पर लागू होंगे।’

आगे सर्कुलर में सामाजिक सुरक्षा संगठनों के क्षेत्रीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि कई संस्थानों में काम करने वाले व्यक्ति का इस योजना में योगदान 15,000 रुपये प्रति माह तक वेतन सीलिंग पर होने वाले भुगतान से ऊपर नहीं हो। साथ ही अगर एक ही प्रतिष्ठान से मिल रहा वेतन 15,000 रुपये (1 सितंबर 2014 को तय) से ज्यादा है तो पूरा 24 प्रतिशत भविष्य निधि (पीएफ) अंशदान सिर्फ पीएफ खाते में बहाल रखा जाएगा।

ईपीएस न्यूनतम पेंशन योजना है जिसकी शुरुआत ईपीएफओ ने 1995 में की थी। इसके तहत व्यक्ति पेंशन पाने का हकदार होता है।

सितंबर 2014 से यह नियम लागू हुआ कि ईपीएफ योजना में शामिल होने वाले ऐसे व्यक्ति ही ईपीएस में शामिल होने के पात्र होंगे जिनका मूल वेतन 15,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा नहीं है। इसके अलावा ईपीएस मासिक पेंशन की अर्हता के लिए कर्मचारी की न्यूनतम 10 साल तक अंशदान वाली सेवा होनी चाहिए।’

First Published - January 31, 2024 | 10:35 PM IST

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