राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद अयोध्या उत्तर प्रदेश में होटल कारोबारियों की पहली पसंद बन कर उभरा है। अयोध्या के लिए पर्यटकों की बढ़ी रुचि को देखते हुए देश-विदेश के कई बड़े होटल समूहों के साथ उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग भी यहां होटल खोलने की तैयारी कर रहा है। अभी अयोध्या में पर्यटन विभाग का एक विश्राम गृह काम कर रहा है। विभाग अब यह बड़े होटल का निर्माण करेगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक राम मंदिर और लगातार हो रहे अयोध्या विकास के चलते यह शहर पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बन गया है। होटल उद्योग की खास रुचि अब अयोध्या में हो रही है। प्रदेश में 2018 में नयी पर्यटन नीति आने के बाद से अब तक वहां के लिए 20 प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं। इसमें एक-एक होटल और रीसॉर्ट के अलावा 12 बजट, 3 हेरीटेज और बाकी सामान्य होटल है। अधिकारियों के मुताबिक नयी अयोध्या के निर्माण के साथ इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर भी अपने लक्जरी ब्रांड के साथ अयोध्या आएंगे। देश के कई बड़े प्रतिष्ठित ब्रांड के होटल समूहों ने अयोध्या में अपना उद्यम स्थापित करने के लिए संपर्क साधा है। प्रवक्ता के मुताबिक बड़े होटलों के लिए अयोध्या में बन रहे हवाई अड्डे के करीब जमीन आवंटित की जा सकती है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के उपक्रम पर्यटन निगम ने भी अयोध्या में एक बड़ा होटल बनाने की योजना पर काम शुरु कर दिया है। प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार, नीलकंठ तिवारी ने अधिकारियों को इसके लिए जल्द से जल्द जमीन तलाश करने को कहा है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के कायाकल्प पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च कर रही है। जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और वहां बनने वाली दुनियां की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनने के बाद भविष्य में वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। सरकार के अनुमान के अनुसार 2020 से 2031 के दौरान इस संख्या में तीन गुने 2.2 करोड़ से 6.8 करोड़ से अधिक की वृद्धि होगी। इसे देखते हुए सरकार अयोध्या में आतिथ्य पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकार की योजना है कि गुप्तार घाट से नया घाट तक रीवर फ्रंट को विकसित किया जाए जिससे नदी के किनारे पैदल चलने वालों को तकलीफ न हो। नए घाटों के निर्माण के साथ-साथ पुराने घाटों का सरंक्षण और नवीकरण हो।