उत्तर प्रदेश के शहरों में कोरोना का प्रकोप कम हुआ, पर ग्रामीण इलाकों में तेजी से प्रसार होने लगा है। बीते एक सप्ताह से प्रदेश में हमीरपुर, बलिया, गाजीपुर और उन्नाव में यमुना और गंगा में लाशें बहती नजर आ रही हैं।
गुरुवार को चंदौली जिले में गंगा नदी में में आधा दर्जन शव उतराते मिले। पहले हमीरपुर में यमुना में दर्जनों शव मिले, फिर बलिया, गाजीपुर, उन्नाव के बाद गुरुवार को यही नजारा चंदौली में देखने को मिला है। पड़ोसी जिले गाजीपुर के बाद अब चंदौली में गंगा नदी में गुरुवार को आधा दर्जन शव उतराते मिले हैं। चंदौली के धानापुर थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव के पास नदी में शव मिले हैं।
चंदौली जिले में आधा दर्जन पांच से सात दिन पुराने शव गंगा नदी में पाए गए हैं। शवों के मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें निकाल कर अंतिम संस्कार करवाया है। राजधानी लखनऊ से सटे जिले उन्नाव में गंगाघाट रौतापुर में बुधवार को अंतिम संस्कार के लिए आए 16 में से 13 शवों को दफना दिया गया। इन शवों को ग्रामीणों ने घाट के पास खाली पड़ी रेत में दफना दिया। लोगों का कहना है कि क्रियाकर्म कराने के लिए कम से कम 8 से 10 हजार का खर्च आता है। जो इस समय उनके लिए बहुत बड़ी रकम है। इसलिए लोग शव को मिट्टी में ही दफनाने को मजबूर हैं।
बलिया, गाजीपुर से लेकर उन्नाव तक गांव वालों का कहना है कि लकड़ी के दाम आसमान छू रहे हैं और मिल भी नहीं रही है। नतीजन ज्यादातर लोग शवों को रेत में ही दफना दे रहे हैं।
योगी सरकार ने बीते दिनों कोरोना से होने वाली मौतों के अंतिम संस्कार का खर्च उठाने का ऐलान किया था। इसके तहत पंचायती राज विभाग की ओर से 5000 रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रावधान है। हालांकि गांवों में यह मदद भी नहीं मिल पा रही है। ज्यादातर लोगों की मौतें तो कोरोना के लक्षणों के चलते हो रही है पर जांच न होने से इसका कोई सरकारी कागजात में दर्ज होना मुश्किल है। कोरोना संक्रमण के पुष्ट हुए बिना सरकारी मदद मिल नहीं सकती।
उत्तर प्रदेश में गांवों की हालात पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। प्रियंका ने कहा है कि खबरों के अनुसार बलिया, गाजीपुर में शव नदी में बह रहे है और उन्नाव में नदी के किनारे सैकड़ों शवों को दफना दिया गया है। इन मामलों पर उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में तुरंत न्यायिक जांच होनी चाहिए।