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उत्तर प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ का कहर

Last Updated- December 15, 2022 | 3:26 AM IST

उत्तर प्रदेश में जबरदस्त बारिश के चलते बाढ़ कहर बरपा रही है। प्रदेश के पूर्वांचल में 16 जिलों के हजारों गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और सैकड़ों गांव पूरी तरह डूब चुके हैं।
प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बीते तीन दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है। मूसलाधार बारिश और नेपाल के बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण सरयू-घाघरा, राप्ती और शारदा जैसी नदियां उफान पर हैं।
बाढ़ के कारण कई जिलों में हजारों एकड़ धान की फसल डूब कर पूरी तरह से बरबाद हो गई है। मूसलाधार बारिश का असर मौसमी सब्जियों पर भी पड़ा है।  मेंथा की फसल भी खराब हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार प्रदेश में अब तक 16 जनपद – अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर और सीतापुर के 642 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 362 गांव जलमग्न हैं।
सबसे ज्यादा कहर सरयू, घाघरा के बढ़े जल स्तर के चलते नजर आ रहा है जिसने कई गांवों को प्रभावित किया है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। बलरामपुर में राप्ती भी खतरे से ऊपर पहुंच गई है। ज्यादातर तराई क्षेत्रों में नदियों का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। बाराबंकी के कई गांव, बहराइच-महसी तहसील के जुगलपुरवा, जरमापुर, जमई गांव और बलरामपुर जिले के जद्दापुर, खैरहानिया आदि बाढ़ से घिर गए हैं। बहराइच की महसी तहसील में एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ज्यादातर गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। लोगों को पानी के अंदर से होकर आना पड़ रहा है। लोग गांवों से ऊंचे स्थानों में रह रहे हैं। वहीं, श्रावस्ती में हल्की बारिश के बावजूद राप्ती का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
शारदा नदी की तेज लहरों ने ढकिया सूरजपुर के पास कई तटबंध को कई जगह पर काट दिया है। बाढ़ के पानी के कारण खेत डूब गए हैं। तटबंध की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। राहत आयुक्त कार्यालय ने बताया कि इस समय शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाराबंकी में सरयू और घाघरा अपने जलस्तर 106. 070 मीटर से 0.556 मीटर ऊपर बह रही है। अयोध्या में सरयू 92.730 मीटर जलस्तर से 0.80 मीटर ऊपर और तुर्तीपार 64.01 मीटर जलस्तर से 0.180 मीटर ऊपर बह रही है।
बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रदेश में बचाव के लिए 303 कैंप बनाए गए हैं जहां लोगों को रखा गया है। अब तक 61,892 खाने के पैकेट बांटे गए हैं। प्रभावित इलाकों में 627 नावें चलाई जा रही हैं और 735 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च और रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें लगाई गई हैं।

First Published - August 15, 2020 | 12:03 AM IST

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