उत्तर प्रदेश में अब पर्यटन विभाग के होटल और गेस्ट हाउस सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। प्रदेश सरकार ने पर्यटन निगम के होटलों में सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने का काम नेडा को सौंपा है। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन निगम के 40 होटलों में नेडा सौर ऊर्जा से बिजली पहुचाने का इंतजाम करेगा। नेडा ने इन होटलों में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। निगम के इन होटलों में सौर ऊर्जा संयत्र लगाने के लिए जरुरी धनराशि की व्यवस्था प्रदेश सरकार अनुपूरक बजट में कर सकती है।
पर्यटन निगम के होटलों में सर्वे का काम कर रहे नेडा के इंजीनियरों का कहना है कि पर्यावरण को बेहतर बनाने, प्रदूषण रहित बिजली का उपयोग बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। पर्यटन निगम के होटलों में अलग अलग क्षमता के सौलर पैनल लगाए जाएंगे। होटलों में हालांकि ग्रिड आधारित बिजली की भी वैकल्पिक व्यवस्था रहेगी, लेकिन उपयोग में वैकल्पिक ऊर्जा ही लाई जाएगी। उत्तर प्रदेश में सभी महत्तवपूर्ण पर्यटन स्थलों पर निगम के अपने होटल हैं। सौर उर्जा के उपयोग से इन होटलों का बिजली पर होने वाला खर्च भी बचेगा और प्रदूषण मुक्त वातावरण भी मिलेगा।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अकेले बौद्ध सर्किट में मौजूद निगम के दर्जन भर से ज्यादा होटलों में हर साल हजारों की तादाद में विदेशी सैलानी आते हैं। इनमें कोरिया, श्रीलंका, जापान, वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया, म्यांमार व भूटान से आने वाले पर्यटक शामिल हैं। बौद्ध सर्किट में उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ जैसी जगहों पर पर्यटन निगम के होटल हैं। बिजली की समस्या के चलते विदेशी सैलानी निगम के बजाय निजी होटलों में ज्यादा रुकते हैं। सौर ऊर्जा के उपयोग के बाद ध्यान, योग व साधना के लिए आने वाले सैलानी निगम के होटलों में रुकेंगे और राजस्व बढ़ेगा। नेडा ने अपने सर्वे की शुरुआत कुशीनगर में पर्यटन निगम के पथिक होटल से की है। प्रदेश सरकार की वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना के तहत यह काम किया जा रहा है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने बड़े सरकारी भवनों में छत पर सोलर पैनल लगाने की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में थानों के भवनों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सर्वे किया जा चुका है। जल्दी ही कई अन्य शहरों में बड़े भवनों पर इस काम की शुरुआत होगी।