उत्तर प्रदेश में कोरोना के संक्रमितों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। ब्लैक फंगस के सिर्फ शहरों के ही आंकड़े सामने आए हैं जिसके मुताबिक विभिन्न अस्पतालों में 400 से ज्यादा मरीज भर्ती कराए जा चुके हैं तथा दो दर्जन से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मरीज लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और मेरठ में मिले हैं। वाराणसी स्थित बीएचयू में इलाजरत एक महिला की गुरुवार को मौत हो गई। वाराणसी जिले में अब तक इस बीमारी के 33 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को महामारी पर रोकथाम के लिए बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को समुचित स्वास्थ्य उपचार दिया जाए। योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र सरकार को पत्र भेजकर दवाओं का आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए।
महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस मुख्य चिंता
महाराष्ट्र सरकार की सबसे बड़ी चिंता इस समय ब्लैक फंगस की है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को अपनी चिंता से अवगत करते हुए मदद की गुहार लगाई है। इस बीमारी से अभी तक राज्य में 90 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने प्रधानमंत्री से कहा कि राज्य सरकार को इसके उपचार के लिए अधिक मात्रा में दवाओं की जरूरत है। टोपे ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में कमी आने से रेमडेसिविर जैसी दवाओं और ऑक्सीजन की आवश्यकता स्थिर हुई है लेकिन ब्लैक फंगस चिंता का प्रमुख विषय बना हुआ है।