दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस संक्रमण के 10,732 नए मामले आने के साथ ही शहर में हालात बेहद गंभीर हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें। केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कोरोनावायरस की चौथी लहर पिछली लहर से ज्यादा खतरनाक है। सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है।’ महज कुछ हफ्तों पहले 16 फरवरी को दिल्ली में एक दिन में संक्रमण के 100 से कम मामले आए थे।
केजरीवाल ने कहा कि शहर में महामारी की मौजूदा चौथी लहर बहुत खतरनाक है और यह इतनी तेजी से फैल रही है कि इसने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने कहा, ‘पिछले 10-15 दिनों में मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। पिछले 24 घंटों में शहर में संक्रमण के 10,732 नए मामले आए। हालात बेहद गंभीर हैं।’ दिल्ली में महामारी फैलने के बाद से एक दिन में दर्ज किए गए सर्वाधिक मामले हैं। इससे पहले दिल्ली में 11 नवंबर 2020 को सबसे अधिक 8,593 मामले सामने आए थे। उस दिन शहर में इस महामारी से 131 लोगों की मौत हुई थी जो एक दिन में दिल्ली में मरने वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती लेकिन अगर अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं रहे तो लॉकडाउन लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमें आपका सहयोग चाहिए। अगर आपका सहयोग मिलता है और अस्पतालों की स्थिति नियंत्रण में रहती है तो दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन अगर अस्पतालों में बिस्तरों की कमी हो जाती है और बिस्तर खाली नहीं रहते तो लॉकडाउन लगाया जा सकता है।’
केजरीवाल ने कहा, ‘मैं लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हूं। मेरा मानना है कि लॉकडाउन कोविड-19 से निपटने का समाधान नहीं है। अगर अस्पताल व्यवस्था चरमरा जाती है तभी लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए।’ उन्होंने लोगों से कहा कि अगर वे कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाते हैं तो अस्पतालों में जाने के बजाय घर पर क्वारंटीन में रहें और सबसे अहम बात यह है कि गंभीर मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तर खाली रखे जाएं। केजरीवाल ने कहा कि यह अजीब विरोधाभास है कि देश में टीका उपलब्ध होने के बावजूद कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 के 65 प्रतिशत मरीज 45 साल से कम आयु के हैं। कोरोनावायरस कैसे रुकेगा जब इसकी चपेट में आने वाले 65 प्रतिशत लोग 45 साल से कम आयु के हैं जिनके लिए टीका उपलब्ध नहीं है।’ केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाल में हुई बैठकों में दो-तीन मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण पर लागू पाबंदियां हटाने का अनुरोध किया।