कोरोना के संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की अवधि को 1 जून तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इस दौरान पहले की तरह प्रतिबंध जारी रहेंगे। राज्य में किसी भी राज्य से आने वाले लोगों को कोरोना न होने की रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।
मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा जारी किए गए नए आदेश में कहा गया कि राज्य में लागू पाबंदियां 1जून सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगी। राज्य में परिवहन के किसी भी माध्यम से आने वाले व्यक्ति को संक्रमित न होने की पुष्टि करने वाली ‘आरटी-पीसीआर’ रिपोर्ट दिखानी होगी, जो राज्य में आने से 48 घंटे पहले जारी की गई हो। सभी पाबंदियां अब देश के हर राज्य से आने वाले लोगों पर भी लागू होगी। उसके अनुसार, माल वाहकों के मामले में, ऐसे वाहनों में दो से अधिक लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। यदि ये महाराष्ट्र के बाहर से आ रहे हैं, तो उन्हें संक्रमित नहीं होने की पुष्टि करने वाली ‘आरटी-पीसीआर’ रिपोर्ट दिखानी होगी, जो राज्य में आने से 48 घंटे पहले जारी की गई हो और यह 7 दिन तक ही मान्य होगी।
नए आदेश के अनुसार, स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीएमए) ग्रामीण बाजारों और एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समितियों) की विशेष निगरानी करेंगे, ताकि कोविड-19 संबंधी दिशा-निदेशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। सरकार ने कहा कि अगर पाया गया कि इन स्थानों पर अनुशासन सुनिश्चित करने में परेशानी आ रही है, तो स्थानीय डीएमए इन्हें बंद करने का आदेश दे सकता है या कुछ अतिरिक्त पाबंदियां लगा सकता है। दूध संग्रह, परिवहन और प्रसंस्करण पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। इसका खुदरा व्यापार, आवश्यक वस्तुओं की दुकानों या होम डिलिवरी पर लगी पाबंदियों के तहत ही होना चाहिए। कोविड-19 प्रबंधन के लिए हवाईअड्डे, बंदरगाह सेवाओं और दवाओं या उपकरणों से संबंधित मालवाहकों की आवाजाही में लगे कर्मियों को सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने की अनुमति होगी।