कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावी तरीके से निपटने में जुटी महाराष्ट्र सरकार ने संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारियां शुरु कर दी है। राज्य में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं है और अगले महीने से टीकाकरण अभियान तेज होगा, फिलहाल टीकों की कमी के कारण 45 साल से कम उम्र वालों के टीकाकरण पर रोक लगी है। कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में लागू लॉकडाउन प्रतिबंधों में 1 जून से छूट मिलने की संभावना है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का सारा ध्यान फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर और खासकर उसका बच्चों पर होने वाले असर से निपटने की तैयारियों पर है। कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाल रोग विशेषज्ञों और डॉक्टरों की वेब चर्चा सत्र का आयोजन किया। इस वेब संवाद में मुंबई के बड़े अस्पतालों और जंबो कोरोना केंद्रों की तरह ही बच्चों के लिए विशेष कोरोना केंद्रों के निर्माण, डॉक्टरों के प्रशिक्षण के तौर-तरीके को लेकर राज्य सरकार के कार्यबल के बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हुए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वायरस को हराने में हमें कामयाबी नहीं मिली है, लेकिन हमने मामलों को नियंत्रित कर लिया है। सभी हितधारकों के एकजुट प्रयासों से हमारे राज्य को सफलता मिली है। हमें संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहना होगा। पहली लहर में वरिष्ठ नागरिक प्रभावित हुए थे, दूसरी लहर में युवा इसकी चपेट में आए और अब बच्चों को इसका खतरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगाई गई और लोगों से कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार कराने को कहा।
तीसरी लहर में जब बच्चों पर कोरोना संक्रमण का असर होगा तो चार से पांच फीसदी बच्चों को अस्पतालों में भर्ती करने की नौबत आ सकती है। संभावित खतरे से निपटने के बालरोग विशेषज्ञों का दल दूसरे चिकित्सों को इलाज से संबंधित जानकारियां और प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर चुके हैं। विशेषज्ञों की टीम का अध्यक्ष मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सुहास प्रभु को बनाया गया है। बच्चों के इलाज के लिए राज्य के सभी जिलों में बेड की व्यवस्था, आईसीयू के बेड की तैयारी, दवाओं का स्टॉक इत्यादि का इंतजाम शुरू कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास जताया कि जून से पर्याप्त टीके मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी। ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार टीका आपूर्ति के मुद्दे पर लगातार चर्चा कर रही है और 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए 12 करोड़ खुराकों को लेकर रकम का एकमुश्त भुगतान करने को तैयार है। राज्य की कुल आबादी में इस उम्र समूह के छह करोड़ लोग हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि जून के बाद आपूर्ति सुगम हो जाने पर टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की कमी हुई थी, लेकिन अब चिकित्सकीय ऑक्सीजन के मामले में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने के बाद तीसरी लहर से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा।
राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है। इसी के सात राज्य में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिए जाने की चर्चा होने लगी है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अगर राज्य में संक्रमण की दर में गिरावट आती है और यह 10 फीसदी से नीचे रहता है, तो सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में ढील देने का एलान कर सकती है। टोपे ने कहा कि अस्पताल के 50 फीसदी बेड खाली होने पर अधिकारी प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि तीसरी लहर के आगामी खतरे को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल राज्य में 31 मई तक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू हैं।