कोरोना महामारी के बीच आए चक्रवाती तूफान ताउते ने कई राज्यों में जबरदस्त तबाही मचाई है। चक्रवाती तूफान से महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से गुजरात को आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की गई। इसी के साथ महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच राजनीतिक युद्ध छिड़ गया। महाराष्ट्र की सत्ता चला रहे शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया, तो राज्य के विपक्षी दल भाजपा ने विवाद खड़ा करने की जगह सत्ताधारियों को तूफान प्रभावित लोगों की मदद करने को कहा रही है। शिवसेना को उम्मीद है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देगी।
महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए निशाना साध रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि महाराष्ट्र और गोवा सहित छह राज्यों में चक्रवाती तूफान ताउते की वजह से नुकसान पहुंचा है, लेकिन केंद्र ने केवल गुजरात को आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। मोदी ने बुधवार को चक्रवात प्रभावित गुजरात का दौरा किया था और राज्य को राहत कार्य के लिए एक हजार करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी। उन्होंने राज्य में चक्रवात से हुई घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवार को दो-दो लाख रुपये बतौर अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की थी। महाराष्ट्र के मंत्री एवं राज्य राकांपा के प्रमुख जयंत पाटील ने ट्वीट कर के कहा कि पिछले साल चक्रवात निसर्ग के कारण कोंकण में तबाही मची, लेकिन केंद्र ने बेहद मामूली राहत राशि दी। अब छह अन्य राज्यों में भी चक्रवाती तूफान ताउते से नुकसान हुआ है, लेकिन गुजरात के अलावा किसी की आर्थिक मदद नहीं की गई।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र पर तंज कंसते हुए कहा कि गुजरात में कमजोर सरकार है, इसीलिए प्रधानमंत्री गुजरात का दौर किया, जबकि केंद्र सरकार को लगता है कि महाराष्ट्र में मजबूत सरकार है शायद इसीलिए उन्होने महाराष्ट्र का दौरा नहीं किया। राउत ने कहा कि गुजरात को मिले एक हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से कोई नाराजगी नहीं है। वह राज्य भी भारत का हिस्सा है और चक्रवात से वहां नुकसान हुआ है। राउत ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दिल बहुत बड़ा है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और वह केंद्र को यकीनन यहां हुए नुकसान के बारे में बताएंगे। उन्होने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शुक्रवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। दौरे के बाद जिस तरह की मदद की जरूरत है उसका एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया जाएगा। मुझे विश्वास है कि केंद्र महाराष्ट्र को 1,500 करोड़ रुपये और गोवा को 500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद करेगा। महाराष्ट्र राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि राज्य के कोंकण क्षेत्र में चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है और आपदा के कारण तटीय क्षेत्र के नागरिकों को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ा है, लेकिन मदद गुजरात को ही मिली।
सत्तापक्ष के नेताओं के आरोपों पर पलट वार करते हुए भाजपा ने नेता एवं विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे के बाद केंद्र सरकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चक्रवात प्रभावित सभी राज्यों की केंद्र आर्थिक मदद करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में एमवीए सरकार जानबूझकर प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे को लेकर विवाद खड़ा कर रही है। सत्ताधारी नेताओं को अपने बंगले से निकलकर तूफान से हुए नुकसान को देखना चाहिए और लोगों की मदद के लिए काम करना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन (एमवीए) सरकार है।
समुद्र में लपता लोगों की तलाश जारी : नौसेना
चक्रवाती तूफान ताउते के चलते समुद्र में डूबी नौका (पी 305) में सवार लोगों को तलाशने का काम अभी भी नौसेना जारी रखे हुए है। अरब सागर में चार दिन पहले डूबे बजरे पर मौजूद लोगों में से 38 अब भी लापता हैं और उन्हें खोजने के लिए घने अंधेरे के बीच सर्चलाइट की मदद से नौसेना का तलाश एवं बचाव अभियान रात भर चला। हालांकि और लोगों के जीवित बचे होने की संभावना गुरुवार तक क्षीण हो चुकी थी।
उल्लेखनीय है कि बजरा पी305 चक्रवाती तूफान ताउते के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर सोमवार को डूब गया था। नौसेना ने गुरुवार को हेलीकॉप्टर तैनात किए और हवाई मार्ग से तलाश एवं बचाव अभियान चलाया। पी305 पर मौजूद रहे लोगों में से कम से कम 37 लोगों की मौत हो चुकी है, 38 लोग अब भी लापता हैं। बेहद खराब मौसम से जूझते हुए नौसेना के जवानों ने बजरे पी305 पर मौजूद 261 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है, दो लोगों को ‘टगबोट’ वारप्रदा से बचाया गया है।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के पोत आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता बुधवार को लोगों के शव लेकर मुंबई पहुंचे। एक अधिकारी ने बताया कि अब लोगों के जीवित मिलने की संभावना बहुत ही कम है। मुंबई पुलिस जांच करेगी कि चक्रवात ताउते के बारे में चेतावनी जारी करने के बावजूद बजरा पी-305 उस क्षेत्र में क्यों रूका रहा? पुलिस ने बजरे पर मौजूद लोगों में से जिनके शव बरामद हुए हैं, उनके सिलसिले में दुर्घटनावश मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की है। नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि नौसेना का तलाश एवं बचाव अभियान आज चौथे दिन भी जारी है। नौसेना के पोत तथा विमान पी305 पर मौजूद रहे लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। यह बजरा सोमवार को मुंबई तट से 35 समुद्री मील की दूरी पर डूब गया था। उन्होंने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान में आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा, आईएनएस तेग, पी-81 टोही विमान, चेतक, एएलएच और हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। नौसेना का एक अन्य पोत आईएनएस तलवार गुजरात तट के निकट ‘ऑन सीन कॉर्डिनेटर’ है और सपोर्ट स्टेशन 3 (एसएस-3) तथा ड्रिल पोत सागर भूषण की मदद कर रहा है। ओएनजीसी के अन्य पोतों की मदद से इन्हें मुंबई तट तक सुरक्षित लाया गया है।