महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र 1 मार्च से शुरू हो रहा है जिसके हंगामेदार रहने की संभावना है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच होने वाले बजट सत्र में विपक्षी दल भाजपा अनेक मुद्दों पर राज्य सरकार को घेर सकती है। दस दिन के इस बजट सत्र में मात्र आठ कार्यदिवस ही होंगे। राज्य का बजट 8 मार्च को पेश किया जाएगा।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य का बजट सत्र इस बार मात्र 10 दिन ही चलेगा। सत्र में राजस्व, उच्च शिक्षा और आवास संबंधित विधेयक पेश किए जा सकते हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में कड़े दंड के प्रावधान वाला ‘‘शक्ति अधिनियम’’ दोनों सदनों की संयुक्त चयन समिति के पास है। राज्य का बजट सत्र आमतौर पर छह सप्ताह तक चलता है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर यह अवधि कम की गई है। भाजपा ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थिति की आड़ में सत्र की अवधि को कम करके अपनी नाकामी पर चर्चा से बचना चाह रही है, लेकिन राज्य के संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने गुरुवार को दावा किया था कि विपक्षी दल एक दिन का सत्र बुलाना चाहते हैं।
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 1 और 10 मार्च को होगा , 8 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले दिन अनुपूरक मांगों की तालिका बनाएगी। सदन दो मार्च को राज्यपाल के भाषण पर चर्चा करेगा, जबकि अगले दो दिन पूरक मांगों पर चर्चा के लिए आरक्षित हैं। जबकि 5 मार्च को सदन विपक्षी दलों के प्रस्तावों पर चर्चा करेगा और कुछ विधेयक भी पेश किए जाएंगे। सप्ताहांत होने के कारण 6 और 7 मार्च को कोई बैठक नहीं होगी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार सवालों से डरती है इसलिए कोरोना का डर दिखाकर बजट सत्र के दिनों को कम किया गया है। राजनैतिक कार्यो के लिए आप दिन रात बाहर रहते हैं, लेकिन सत्र का नाम आने पर कोरोना का डर दिखाया जा रहा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में ही रही बढ़ोतरी से प्रशासन परेशान है।