राजस्थान सरकार भी आम चुनाव से पहले लोक लुभावनी घोषणाएं करने की होड़ में पीछे नहीं है। उसने भी चुनाव से पहले अपना पिटारा खोल दिया है, जिसमें हर वर्ग के लिए काफी कुछ है।
राज्य सरकार किसानों, सरकारी कर्मचारियों और मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए कई तरह की घोषणाएं कर रही है। इन वर्गों का वोट बैंक किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है।
किसानों के लिए पैकेज
राजस्थान सरकार ने उन किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है जिनकी फसल ओलावृष्टि की वजह से बर्बाद हो गई थी। सरकार ने इन किसानों के लिए अलग अलग सहायता राशि का ऐलान किया है।
वैसे किसान, जिनके खेत की सिंचाई नहीं हो पाई, उन्हें 3000 रुपये प्रति हेक्टेयर (2 हेक्टेयर तक), जिन्होंने सिंचाई के लिए नहर और विद्युतीकृत कुओं का इस्तेमाल किया, उन्हें 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर और जिन किसानों ने डीजल पंपों से सिंचाई की, उन्हें 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी।
सरकार ने अपनी घोषणा के तहत यह भी कहा है कि जिन किसानों की आधी फसल बर्बाद हुई है, उनसे चार महीने का बिजली बिल नहीं लिया जाएगा।
आम लोगों का ख्याल
सरकार ने कहा है कि राजस्थान की 2007-08 की वार्षिक योजना में राज्य लोक निर्माण विभाग के लिए 186 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। केंद्रीय नौवहन, परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री के. एच. मुनियप्पा के अनुसार इसी वित्तीय वर्ष में राशि दे दी जाएगी।
कर उगाही का तरीका
राजस्थान सरकार ने एक योजना की घोषणा की है, जिसके तहत उन लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा, जो बिक्री कर विभाग को कर चुराने वाले डीलरों की सूचना देंगे। इस तरह की सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये की उगाही पर 20 फीसदी कमीशन दिया जाएगा, जबकि 1 लाख से 10 लाख रुपये की उगाही पर 15 फीसदी कमीशन दिया जाएगा।
केंद्र का महिमामंडन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए एफआरबीएम अधिनियम में छूट और राजकोषीय घाटा राज्य जीडीपी का 3.0 फीसदी के बजाए 3.5 फीसदी करने तक को मंजूरी दे दी है। उन्होंने केंद्र्र से ऐसी छूट अगले वित्त वर्ष के लिए भी देने का अनुरोध किया है।
चुनावी वादे करने में राज्य सरकार नहीं पीछे
किसानों के लिए खास राहत पैकेज
बुनियादी सुविधाओं का विशेष ख्याल
केंद्र सरकार के गुणगान में भी आगे