पूरे देश की तरह जबरदस्त बिजली संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में अब ऊर्जा मंत्री ने लोगों से उपभोग घटाने की अपील की है। कोयले की कमी के चलते हर दिन एक नया बिजलीघर बंद हो रहा है और ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों में जबरदस्त बिजली कटौती का दौर जारी है। प्रदेश में हरदुआगंज, परिच्छा, ओबरा और अनपरा बिजलीघरों में बस दो दिनों के लिए कोयले का स्टॉक बचा हुआ है।
एनटीपीसी के टांडा और ऊंचाहार बिजलीघरों में कई इकाइयां ठप हो गयी हैं। आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रदेश में हर रोज 10,000 मेगावॉट बिजली एनर्जी एक्सचेंज से खरीदी जा रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एक्सचेंज से 17 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रही है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि बीते रविवार को जहां एनर्जी एक्सचेंज से 6 रुपये यूनिट की दर से बिजली खरीदी गई थी वहीं बुधवार को इसके दाम बढ़कर 17 रुपये प्रति यूनिट हो गए थे। कोयले की कीमत की वजह से राज्य के बिजली घरों से 835 मेगावॉट उत्पादन बंद हुआ है जबकि रोजा व टांडा में उत्पादन प्रभावित हुआ है। अनपरा में 600 मेगावॉट व ललितपुर में 600 मेगावॉट की यूनिटें ब्वायलर लीकेज की वजह से बंद हो गई हैं।
कुल मिलाकर प्रदेश में बीते 24 घंटे में 3,100 मेगावॉट बिजली का उत्पादन कम हुआ है। त्योहारी सीजन और गरमी में कमी न आने के चलते प्रदेश भर में मांग उंचे स्तर पर बनी हुयी है। कॉरपोरेशन अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार को भी मांग 20,000 मेगावॉट से ऊपर बनी रही और इसकी तुलना में करीब 5000 मेगावॉट बिजली की कमी थी।
बिजली संकट को देखते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि वो कम जरूरी उपकरणों का इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता बिजली बचाने की कोशिश करें, क्योंकि सरकार हालात को संभालने के लिए 17 रुपये यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद कर रही है, महंगी बिजली खरीदी जा रही है तो उपभोक्ता भी इसे समझें और अपव्यय न करें।
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए पीक आवर्स में शहरी व ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति को लेकर नई रणनीति बनाई है।