कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद अब पटरी पर आ रहे उत्तर प्रदेश के पर्यटन उद्योग को संरक्षित वन क्षेत्रों के लिए भारी मांग मिल रही है। वन पर्यावरण प्रेमी पर्यटकों की मांग पर अब योगी सरकार इनके लिए पैकेज टूर की सुविधा देगी। मेक माई ट्रिप, गो अबीबो जैसी साइटों की तरह अब उत्तर प्रदेश के वन निगम और पर्यटन विभाग भी हॉलीडे पैकेज मुहैया कराएंगे।
नए साल के स्वागत और उससे पहले दशहरा-दीवाली के सीजन में पर्यटकों की खासी भीड़ प्रदेश के वन क्षेत्रों में दिखाई दी है। नए साल के आगमन का स्वागत करने के लिए उत्तर प्रदेश के दुधवा नैशनल पार्क के साथ ही कतरानियाघाट, किशनगंज, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बड़ी तादाद में पर्यटक पहुंचे। इतना ही नही प्रदेश के पक्षी विहारों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी के साथ ही सप्ताहांत छुट्टियों में बड़ी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना नए पर्यटन स्थलों, पुराने पसंदीदा स्थानों के साथ ही जंगल व पर्यावरण से जुड़े इलाकों के लिए आकर्षक टूर पैकेज तैयार करने की है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक इन पैकेजों के जरिये होम स्टे योजना को भी बढ़ावा देने की कोशिश है। वन विभाग खासतौर पर होम स्टे योजना को बढ़ावा देना चाहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना होम स्टे के जरिये ग्रामीण और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार से जोड़कर मुख्य धारा में लाने की है। मुख्यमंत्री समीक्षा बैठकों में सरकार के आला अधिकारियों को भी पर्यटन उद्योग के विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार से जोडऩे के निर्देश दे चुके हैं। खासतौर पर ऐसे इलाके जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है। होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए भी वन विभाग योजना चला रहा है। तराई के जिलों के साथ-साथ बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र में भी इस योजना को शुरू किया जा रहा है।
वन विभाग अधिकारियों का कहना है कि पर्यटकों के लिए पैकेज की व्यवस्था लखनऊ, दिल्ली और नोएडा से होगी। जहां के लिए भी पर्यटक अपनी बुकिंग कराएंगे। वहां से गाड़ी उन्हें लेकर गंतव्य पर जाएगी। पर्यटकों की पसंद के मुताबिक होम स्टे या फिर होटल में ठहरने की व्यवस्था होगी। पर्यटकों को उनकी आवश्यकता के आधार पर गाइड की सुविधा भी टूर के दौरान दी जाएगी। इन पैकेजों में पर्यटकों के लिए रहने, खाने और उनके घूमने के लिए गाड़ी की सुविधा भी दी जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा गाइड के रूप में भी स्थानीय लोगों को रखा जाएगा। साथ ही टूरिस्ट स्पॉट के आसपास वहां की स्थानीय चीजों की बिक्री भी होगी। इससे स्थानीय शिल्पकारों को रोजगार मिलेगा।
इन पैकेजों के जरिये राज्य सरकार उन जगहों को बढ़ावा देगी जिनमें टूरिस्ट डेस्टीनेशन बनने की संभावना तो है, मगर सरकारी की उपेक्षा के कारण अब तक ये पर्यटकों की नजर से दूर रहे हैं। गौरतलब है कि साल 2019 में देशी पर्यटकों की आमद के मामले उत्तर प्रदेश का स्थान देश में पहला था।