महामारी के दौर में और लंबे लाकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार देने का रिकॉर्ड बनेगा। उत्तर प्रदेश देश में पहली बार एक साथ एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाला राज्य बनेगा।
उत्तर प्रदेश में एक साथ और एक ही दिन में 1.25 करोड़ रोजगार देने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस मौके पर बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा रही छोटी व मझोली औद्योगिक ईकाईयों (एमएसएमई) को कर्ज भी बांटा जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसी हफ्ते 26 जून को प्रदेश के मजदूरों, श्रमिकों को रोजगार का कार्यक्रम रखा है। प्रधनमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस योजना की शुरुआत करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री मजदूरों और कामगारों से संवाद भी करेंगे। प्रधानमंत्री गोरखपुर, जालौन सहित छह जिलों के लाभार्थियों से बात करेंगे। साथ ही महिलाएं भी उनसे अपना अनुभव साझा करेंगी। प्रधानमंत्री सवा करोड़ लोगों को रोजगार देने के कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत करेंगे।
कोरोना संकट में बड़ी तादाद में मुंबई, गुजरात, दिल्ली व पंजाब से हुए कामगारों के पलायन को देखते हुए प्रदेश में ही प्रवासियों को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत ग्राम विकास और पंचायती राज विभाग को प्रवासियों को रोजगार दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इस कार्यक्रम के दौरान एमएसएमई ईकाईयों को कर्ज भी बांटा जाएगा। इससे पहले बीते महीने प्रदेश सरकार ने 57,000 एमएसएमई ईकाईयों को 2,002 करोड़ रुपये का कर्ज एक ही दिन में बांटा था।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना संकट के उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रवासी लौटे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में प्रवासी कामगारों की आमद के साथ ही हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार की तैयारी के निर्देश दिए थे। उन्होंने वापस आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग कराने के निर्देश जारी किए थे। श्रमिकों को सरकारी क्वारंटीन सेंटर में लाने के साथ ही जहां एक तरफ उनके भोजन और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था तो की ही गई, साथ ही क्वारटीन सेंटर में ही उनके स्किल मैपिंग का भी इंतजाम किया गया। फिलहाल प्रदेश सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगार का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है। योगी सरकार इन कामगारों को एमएसएमई, एक्सप्रेस वे, हाइवे, यूपीडा, मनरेगा आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ चुकी है।
प्रदेश में ही प्रवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए हर एमएसएमई इकाई से कहा गया कि वह अपने यहां कम से कम एक अतिरिक्त रोजगार का अवसर सृजित करें। क्षमता बढ़ाने और खुद को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए 5 मई को 57 हजार से अधिक इकाईयों को ऑनलाइन लोन दिया गया।