सियासत में अहमियत के लिए जूझते ज्ञानेंद्र
नेपाल में हर साल 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1950-51 की क्रांति की याद दिलाता है जब राणाओं का तख्तापलट हुआ था और देश में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहली सरकार बनी थी। लेकिन राजा महेंद्र ने 1960 में संसद भंग कर दी और पंचायत व्यवस्था लागू कर दी, जिसमें […]
हारी है, मुकाबले से बाहर नहीं हुई है ‘आप’
दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में Aam Aadmi Party (आप) को हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय राजधानी में 10 वर्षों तक सत्ता में रही Arvind Kejriwal के नेतृत्व वाली आप पिछले चुनाव में मिली 62 सीटों से सीधे 22 पर आ गिरी। इस करारी शिकस्त के बावजूद पार्टी इस […]
प्रवासियों की वापसी और सियासत की चुप्पी
भारत और अमेरिका के रिश्तों पर देसी राजनीति में हमेशा से ही गरमागरम बहस होती रही है। अमेरिका ने 1956 में भारत की गुटनिरपेक्षता को ‘अनैतिक और बेवकूफाना’ बताया था, जिसके बाद पूरी संसद पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ खड़ी हो गई थी। इंदिरा गांधी ने 1971 में तत्कालीन सोवियत संघ के साथ शांति, मैत्री […]
US Visa: अमेरिकी वीजा के लिए भारत में लोग मंदिरों में क्यों जा रहे हैं? क्या है लोगों की चिताएं
जिस प्रकार व्हाइट हाउस से संकेत मिल रहे हैं, उससे भारतीयों के लिए अमेरिका में वैध तरीके से रहना और काम करना बहुत मुश्किल होने वाला है। ऐसे में उन लोगों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है, जो अमेरिकी वीजा दिलाने के लिए सहायक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इनमें धारा प्रवाह बोलने लायक इंग्लिश सिखाने वाले […]
दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के लिए आसान नहीं राह
मजा आ गया…! दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लगभग 30 साल बाद सत्ता में लौटते देख पार्टी के एक पदाधिकारी ने चहकते हुए कुछ इस तरह अपनी प्रतिक्रिया दी। मगर उस पदाधिकारी ने यह भी कहा कि धमाकेदार जीत के बाद भी नए मुख्यमंत्री की […]
बजट में बिहार के लिए तोहफों का खजाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दुलारी देवी द्वारा दिया गया तोहफा भारतीय जनता पार्टी द्वारा बजट में बिहार को दिया गया बेहतरीन तोहफा साबित हो सकता है, जहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सीतारमण एक कार्यक्रम के लिए मिथिलांचल दौरे पर गई थीं। वहां उनकी मुलाकात पद्मश्री पुरस्कार विजेता दुलारी देवी […]
सियासी हलचल: आसान नहीं है शिवराज सिंह चौहान की अनदेखी करना
शिवराज सिंह चौहान जब से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभालने के लिए भोपाल से दिल्ली गए हैं, वह थोड़ा अकेलापन महसूस कर रहे हैं और इसमें उनका कुसूर भी नहीं है। जब वह भोपाल से विदा हुए तो उनके चाहने वालों की आंखें नम […]
सियासी हलचल: महिला मतदाताओं की बढ़ती अहमियत
पहली नजर में तो यह चुनाव जीतने का नया और शानदार सियासी नुस्खा नजर आता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नकद बांटो, परिवहन मुफ्त कर दो और सार्वजनिक स्थानों तथा परिवारों के भीतर सुरक्षा पक्की कर दो… बस, वोटों की झड़ी लग जाएगी। यहां बुनियादी सोच यह है कि महिला मतदाता अब परिवार […]
असंभव को संभव करने वाले राजनेता मनमोहन सिंह
सन 1996 में जब मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री का पद छोड़ा तब उनके मित्रों ने उन्हें सलाह दी कि वह कांग्रेस की मूल्यविहीन राजनीति में गुम न हों और उन लोगों के बीच अपना समर्थन और आधार बनाए रखें जो उन्हें आर्थिक सुधारों के लिए सराहते हैं। इस पर सिंह ने अपनी स्वाभाविक शर्मीली […]
‘कर्ज बोझ घटाया, राजस्व बढ़ा’ – हिमाचल CM
पिछले दो साल में आपने क्या पाया, क्या खोया? मैंने न तो कुछ पाया और न ही कुछ खोया है, बल्कि मैंने काफी कुछ सीखा है। मैंने सीखा है कि एक वैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार को राजनीतिक खरीद-फरोख्त से कैसे बचाया जाए। जब हम सत्ता में आए तो संस्थागत बदलाव चाहते थे। उसे […]









