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लेखक : मिहिर एस शर्मा

आज का अखबार, लेख

Opinion: रूस में शासन संबंधी नवाचारों की नाकामी

Russia Political Crisis: फरवरी 2022 में जब रूस की सेनाओं ने यूक्रेन पर पूरी क्षमता के साथ हमला किया, तब से यह समझ पाना काफी मु​श्किल बना हुआ है कि दरअसल रूस में, उसकी सेना के साथ और सरकार के साथ क्या हो रहा है? पिछले पखवाड़े सैकड़ों हथियारबंद लोग वाहनों में सवार होकर मॉस्को […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, लेख

भारत-अमेरिका रिश्तों में नई हिचकिचाहटों की आहट

भारत और अमेरिका के रिश्तों में बीते दो दशकों में काफी सुधार हुआ है। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे कहने की जरूरत शायद ही है। सन 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के एक संयुक्त सत्र को संबो​धित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोनों देशों के आपसी रिश्ते ‘ऐतिहासिक हिचकिचाहट’ को पार […]

आज का अखबार, लेख

New Parliament: उद्घाटन व धार्मिक अनुष्ठानों की वजह

कोई भी वर्तमान सरकार पर यह आरोप नहीं लगा सकता है कि वह अपनी सामाजिक प्राथमिकताओं में तेजी से बदलाव कर रही है। 2014 में मौजूदा सरकार के कार्यकाल के पहले दिन से लेकर अब तक भारतीय गणराज्य की दिशा एकदम स्पष्ट रही है: हम अधिक बहुसंख्यकवादी और सांस्कृतिक दृष्टि से रूढि़वादी राष्ट्र की अवधारणा […]

अंतरराष्ट्रीय, आज का अखबार, लेख

चीन से अलगाव खत्म होने की शुरुआत?

जापान के हिरोशिमा में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन के केंद्र में मूल प्रश्न यह था कि चीन की बढ़ती आर्थिक शक्ति से कैसे निपटा जाए। हाल में संपन्न इस सम्मेलन की अध्यक्षता जापान ने की। सातों देशों को आर्थिक सुरक्षा, आर्थिक दबाव और प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों से जूझने जैसे प्रश्नों पर विचार करना था। […]

आज का अखबार, लेख

यूक्रेन युद्ध में भारत की तटस्थता और पर्दे के पीछे का सच

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को एक साल से अधिक समय हो चुका है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान भारत सरकार ने स्वयं को तटस्थ दिखाने का प्रयास किया है और ऐसा लगता है कि यह तटस्थता बढ़ती ही जा रही है। यह तटस्थता रूस की तरफ भारत सरकार के झुकाव […]

आज का अखबार, लेख

भारत की विदेश नीति और इसमें भारतीय मूल के लोगों की भूमिका

विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भारत की विदेश नीति के लिए सदैव से मजबूत स्रोत रहे हैं। दुनिया के जिन हिस्सों, खासकर पश्चिमी देशों में, भारत से गए लोग बसे हैं, वहां की सरकारों और भारत के नीति निर्धारकों दोनों के लिए वे आपसी संबंधों को मजबूती देने वाली कड़ी के रूप […]

आज का अखबार, लेख

नाकाम पुरानी नीति की वापसी के हैं जो​खिम

बीते कुछ वर्षों में एक ऐसे विफल हो चुके विचार ने दोबारा सर उठाया है जो पिछले काफी समय से नदारद था और वह है औद्योगिक नीति। सरकार द्वारा अपने पसंदीदा कारोबारियों को अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में लाभ पहुंचाया जा सकता है, यह धारणा कभी समाप्त नहीं हुई थी। सबसे महत्त्वपूर्ण है इस हस्तक्षेप […]

आज का अखबार, लेख

चुनौतियों के साये में जी-20 समूह की अध्यक्षता

हाल में आयोजित 20 देशों के समूह (जी-20) की दो मंत्री-स्तरीय बैठकें संयुक्त बयान जारी हुए बिना ही समाप्त हो गईं। इस समूह की बैठकों में सदस्य देशों की तरफ से संयुक्त बयान जारी नहीं होना भारत के लिए बड़ी समस्या साबित हो सकती है। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए भारत को पूरी […]

अंतरराष्ट्रीय, अन्य समाचार, आज का अखबार

एक साल से चल रही जंग से उपजे सबक

रूसी सेना के टैंकों, विमानों और सैनिकों द्वारा यूरोप पर धावा बोलने को एक वर्ष पूरा हो चुका है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यह यूरोप में सबसे बड़ा जमीनी आक्रमण है। सन 1939 में पोलैंड पर हुए हमले से अलग यूक्रेन ने कुछ हफ्तों में समर्पण नहीं किया। रूस में सत्ता का जो समीकरण है […]

आज का अखबार, लेख

हिंडनबर्ग प्रकरण से उबर जाएगा भारत

भारत में किसी भी विषय पर एक राय बना पाना काफी मुश्किल होता है। मगर अदाणी समूह की वित्तीय स्थिति पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के संभावित असर पर लोगों की राय काफी मिलती है। इस समय अदाणी के कुछ शेयर कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। ऐसे में कई लोगों को […]

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