भारत की वैश्विक भूमिका और विकास की चुनौती: क्या 2047 तक पूरा होगा ‘विकसित’ अर्थव्यवस्था का सपना?
भारत अब भी विकासशील देश की पहचान से बाहर नहीं निकल पाया है। इसकी प्रति व्यक्ति आय 2,500 डॉलर है, जो आय एवं धन में व्यापक असमानता की तरफ इशारा करती है। मानव विकास सूचकांक में भारत इस समय 193 देशों में 134वें स्थान पर है। मानव विकास सूचकांक किसी देश की आबादी के सामाजिक […]
अमेरिकी चुनाव के बीच भारत की रणनीति काफी अहम, सहज और परिपक्व प्रतिक्रिया से मिलेगी मजबूती
कमला हैरिस नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। शिकागो में डेमोक्रेटिक पार्टी का सम्मेलन हैरिस के सफल अभियान के शिखर पर पहुंचने का साक्षी बन गया है। कुछ हफ्तों पहले तक हैरिस की पहचान एक मामूली राजनेता और कम प्रभावशाली उप […]
महाशक्ति के दर्जे के लिए एक नया एजेंडा
नई सरकार का गठन इस बात का अवसर है कि देश की आर्थिक रणनीतियों की समीक्षा की जाए। सालाना बजट जल्दी ही सदन में पेश किया जाएगा। बजट में ऐसी आर्थिक नीति पेश की जानी चाहिए जो 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें, जो भारत की आजादी की सौवीं वर्षगांठ […]
Opinion: नई सरकार के सामने भूराजनीतिक चुनौतियां
एक अप्रैल से 1 जून, 2024 तक विस्तारित आम चुनाव की प्रक्रिया के दौरान लाजिमी ही है कि लोगों का ध्यान बाहरी दुनिया के बजाय घरेलू राजनीतिक घटनाक्रम पर केंद्रित हो जाए। देश में बनने वाली अगली सरकार के सामने एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य होगा जो 1 अप्रैल से तब तक बहुत बदल चुका होगा। […]
भारत के लिए पश्चिम एशिया की सुरक्षा कितनी अहम
इस क्षेत्र में भारत के अपने हित भी जुड़े हैं, इसके बावजूद इसकी नीति के लक्ष्य इस क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता पर केंद्रित नहीं हैं। बता रहे हैं श्याम सरन इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) की शुरुआत हुए अब सात महीने हो चुके हैं लेकिन अब भी इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है। इसकी वजह […]
म्यांमार के हालात और क्षेत्रीय सुरक्षा का प्रश्न
म्यांमार एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी है। भारत की सुरक्षा और बेहतरी में उसकी अहम भूमिका है। दोनों देशों के बीच 1,400 किलोमीटर लंबी सीमा है। भारत में पूर्वोत्तर के चार संवेदनशील राज्य-अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम इस सीमावर्ती देश से लगे हुए हैं। दोनों देशों की सीमा के इधर और उधर समान जातीय समूहों के […]
राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थान
भारत में अठारहवीं लोक सभा के चुनाव आगामी 19 अप्रैल से 1 जून तक होने जा रहे हैं। यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आयोजन है और इसका प्रबंधन करना खासा चुनौतीपूर्ण है। 1.4 अरब की आबादी में करीब एक अरब लोग अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए उन […]
Opinion: चीन की भू-आर्थिक स्थिति में बदलाव और भारत
यह प्रतीत हो सकता है कि चीन जैसी बड़ी (फिलहाल करीब 17.52 लाख करोड़ डॉलर) अर्थव्यवस्था के लिए 2023 में हासिल 5.2 फीसदी की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर काफी कम है। उसने यह वृद्धि शून्य मुद्रास्फीति के साथ ऐसे समय हासिल की है जब अन्य विकसित एवं उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में मुद्रास्फीति […]
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति-सुरक्षा से जुड़ी ताइवान चुनाव की कड़ी
ताइवान में चुनावों का दौर अब निपट गया है और सत्तासीन डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के प्रत्याशी लाई चिंग-ते को जीत मिली है, हालांकि उनकी जीत का अंतर बेहद कम है। उन्होंने लगभग 40 प्रतिशत वोट जीते जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी, कुओमिंतांग पार्टी (केएमटी) के हो यु-इह को करीब 33 प्रतिशत वोट मिले हैं। वर्ष […]
वर्ष 2023 के सबक और 2024 के लिए संकेत
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और भूराजनीतिक बदलाव के इस दौर में नया वर्ष करीब आ चुका है, इसलिए हम 2023 को लेकर पुरानी यादों में खो सकते हैं। बता रहे हैं श्याम सरन अब जबकि हम 2023 के समापन की ओर बढ़ रहे हैं, दुनिया भर के देशों और लोगों में यह भावना प्रबल है कि वे […]









