समुद्री लक्ष्यों पर असमंजस: भारत को सागर संरक्षण में आगे आना होगा
इंसान भले ही जमीन पर रहते हैं लेकिन मानवता का मूल गहरे समुद्र में है। सन 1967 में जब दुनिया ऐतिहासिक समुद्री कानून पर बातचीत कर रही थी तब माल्टा के राजनयिक अरविड प्राडो ने कहा था, ‘समुद्र ही वह कोख है, जहां से जीवन आया। महफूज रखने वाले इस समुद्र से ही जीवन निकला। […]
दूसरे विश्व युद्ध के बाद की विश्व व्यवस्था
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग 7 से 10 मई तक मॉस्को की महत्त्वपूर्ण यात्रा पर थे। 2012 में पद संभालने के बाद से यह उनकी 11वीं रूस यात्रा थी। वह विक्ट्री डे यानी विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ और चीन समेत […]
आंबेडकर की विरासत और भारत की मुक्ति का मार्ग
भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार बाबासाहेब आंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को उनके सम्मान में देश भर में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। राजनीतिक दलों में लंबे समय से इस बात को लेकर होड़ रही है कि वे ही उनकी राजनीतिक विरासत की सच्ची वारिस हैं। उनकी प्रशंसा के गीत गाना […]
टैरिफ से उथल-पुथल और भूराजनीतिक हालात
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के अधीन अमेरिका ने दो अप्रैल को नया ‘लिबरेशन डे’ घोषित करते हुए अमेरिका के तमाम कारोबारी साझेदारों पर ‘जवाबी’ शुल्क लगा दिया है। इन टैरिफ तथा अमेरिका और विश्व अर्थव्यवस्था पर उनके आर्थिक और वाणिज्यिक प्रभावों का जहां व्यापक अध्ययन किया जा रहा है वहीं अमेरिका के इस ताजा कदम के […]
डॉलर या ब्रिक्स+ की यूनिट आखिर क्या करे भारत?
इस अखबार के स्तंभों में चीन की वित्त तथा मुद्रा से जुड़ी दिक्कतों पर नियमित रूप से लिखा गया है। चीन अमेरिकी डॉलर के दबदबे वाली अंतरराष्ट्रीय वित्तीय तथा मुद्रा प्रणालियों के विकल्पों को बढ़ावा देने में जुटा है। यह काम एक साथ कई तरीकों से हो रहा है। चीन ने सबसे पहले अपने यहां […]
लोकतंत्र विरोधी मुहिम का भारत पर असर
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद वहां की सरकारी अफसरशाही के लगभग सभी स्तंभ ढहते जा रहे हैं और इस काम में उनका साथ दे रहे हैं अरबपति कारोबारी ईलॉन मस्क। मस्क नए सरकारी दक्षता विभाग या डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डोज) के मुखिया हैं। यह समझना जरूरी है कि अमेरिका में […]
दुनिया में उथल-पुथल मचाने वाली ट्रंप की नीतियां
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने चुनाव अभियान के दौरान काफी आक्रामक थे और कई मुद्दों पर आर या पार करने के संकेत दे रहे थे। उस समय किसी को लगा हो कि ट्रंप के बयान महज चुनावी जुमले और दांव-पेच थे तो उसे ऐसे ख्याल तुरंत छोड़ देने चाहिए। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने […]
ट्रंप के टैरिफ युद्ध से बचने की चीनी जुगत और भारत
चीन की सालाना सेंट्रल इकनॉमिक वर्क कॉन्फ्रेंस (सीईडब्ल्यूसी) आम तौर पर साल के आखिर में होती है। इसका बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि इससे पता चलता है कि चीनी नेतृत्व को गुजरते साल में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा लगा और आगे की चुनौतियों से निपटने के लिए वह क्या कदम उठाएगा। इस साल सीईडब्ल्यूसी […]
चीन में सुधारों की शुरुआत की कथा
पचास वर्ष पहले अगस्त के एक उमस भरे दिन मैं हॉन्गकॉन्ग से चीन की राजधानी पेइचिंग जा रहा था। एक कनिष्ठ राजनयिक के रूप में यह मेरा पहला काम था। हॉन्गकॉन्ग उस समय तक ब्रिटिश उपनिवेश था और हॉन्गकॉन्ग से कोई सीधी उड़ान नहीं थी। वहां से चीन जाने के लिए एक जलधारा पर बना […]
सऊदी अरब की महत्त्वाकांक्षा भरी तकनीकी छलांग
वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं में अग्रणी देशों की बात करें तो आम तौर पर सऊदी अरब का ध्यान नहीं आता। उसकी छवि अब भी अर्द्ध सामंती, रूढ़िवादी समाज की ही बनी हुई है, जहां वंशवादी राजशाही का शासन है। लेकिन हकीकत काफी अलग है। वली अहद यानी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के प्रधानमंत्री बनने […]







