बुनियादी ढांचा: क्या है IMEE कॉरिडोर? जानें G20 कॉरिडोर पहल की जरूरी बातें
सितंबर में दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर बैठक में हुई कई घोषणाओं में से जिस एक घोषणा ने व्यापक जिज्ञासा उत्पन्न की वह है आईएमईई कॉरिडोर। आइए जानते हैं इससे जुड़े 10 प्रश्न और उनके उत्तर। आईएमईई कॉरिडोर क्या है? इसका पूरा नाम है इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर। यह एक परिवहन लिंक है जो मुंबई से […]
बुनियादी ढांचा: गैलाथिया खाड़ी में पड़ाव का राष्ट्रीय महत्त्व
जब हम यह विचार करते हैं कि 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा और 200 से अधिक बंदरगाहों वाला देश भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है तब यह बात विरोधाभासी लगती है कि उसके पास अपना सार्थक अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह (ऐसा बंदरगाह जहां एक जहाज से माल उतारकर दूसरे में लादा […]
बुनियादी ढांचा: बिजली की समयानुसार मांग और चुनौतियां
किसी आदर्श बाजार में वस्तुओं या सेवाओं की कीमतें मांग और आपूर्ति द्वारा निर्धारित की जाती हैं। मांग और आपूर्ति दोनों में बदलाव आता रहता है और इसके साथ ही कीमतें भी बदलती हैं। उपभोक्ताओं का वास्ता अक्सर इन बदलती परिस्थितियों से पड़ता रहता है। उदाहरण के तौर पर छुट्टियों के मौसम में मांग बढ़ने […]
बुनियादी ढांचा: परमाणु एजेंडे में नयापन लाने की कवायद
इस साल जून के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा (PM Modi US Visit) के दौरान जारी भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी परमाणु सहयोग के साथ-साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) पर काफी जोर दिया। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन […]
विद्युत ट्रांसमिशन में समान अवसर की दरकार
भारत के बिजली क्षेत्र को चार कड़ी वाली एक श्रृंखला के रूप में देखा जा सकता है जिसमें ईंधन, उत्पादन, बिजली का संचार और वितरण शामिल है। हालांकि अधिकांश चर्चा ईंधन, उत्पादन और वितरण पर केंद्रित है जबकि देश के एक छोर से दूसरे छोर तक और यहां तक कि सीमाओं के पार भी बिजली […]
अदालती निर्देश बिजली उपभोक्ताओं के हित में
बिजली क्षेत्र को लेकर जो भी चर्चा होती है वह अनिवार्य रूप से वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की अपने आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों दोनों के साथ त्रुटिपूर्ण व्यवहार को लेकर खिंचाई के साथ समाप्त होती है। डिस्कॉम को कोसने का यह सिलसिला तीन दशक से अधिक समय से चल रहा है। इन वितरण कंपनियों पर अस्वीकार्य पारेषण […]
निजी इंटरप्राइजेज के बलबूते बंदरगाह क्षेत्र का नया युग
बात 1990 के दशक के मध्य की है जब तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतें पूरी करने के लिहाज से भारत के बंदरगाह (Ports) पर्याप्त क्षमता वाले नहीं माने जाते थे। इसे निराशाजनक तरीके से रसद श्रृंखला (लॉजिस्टिक्स चेन) के लिहाज से भी बाधाकारी ही माना जाता था। वर्ष 1996-97 के केंद्रीय बजट दस्तावेज में […]
गति शक्ति को असरदार बनाने में निजी क्षेत्र हो सकता है मददगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गति शक्ति नैशनल मास्टर प्लान की घोषणा अक्टूबर 2021 में की थी। यह योजना भौगोलिक सूचना प्रणाली पर आधारित है। इस योजना के अंतर्गत देश में सभी आर्थिक क्षेत्रों एवं संकुलों को जोड़ने का प्रस्ताव है। इस प्लेटफॉर्म पर आधारभूत कड़ियां उपलब्ध हैं जो किसी संकुल को प्रभावी ढंग से कार्य […]
गरीबी उन्मूलन में कारगर हो सकता है रूफटॉप सोलर
द इन्फ्राविजन फाउंडेशन के विस्तृत श्वेत पत्र में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित एक योजना का प्रस्ताव दिया गया है जिसके जरिये मुख्यत: छत पर लगाए जाने वाले सोलर फोटोवोल्टेक्स (आरटीपीवी) से आमदनी बढ़ाने के मौके तलाशे जाएंगे। यह योजना बड़े पैमाने पर समाज के पिरामिड के निचले स्तर पर मौजूद लोगों और ग्रामीण क्षेत्रों के […]
बजट में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का खर्च
पिछले कुछ वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचे पर किए जाने वाले खर्च को प्राथमिकता देने का प्रदर्शन स्थिर रहा है और इसकी पहचान आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाले एक माध्यम के तौर पर की गई है। आंकड़े निश्चित तौर पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र के खर्च में बड़ी वृद्धि को दर्शाते हैं। उम्मीद ऐसी है […]









