facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Auto Sales: भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने फरवरी 2024 में दर्ज की 13% की वृद्धि

फरवरी 2024 का महीना भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए यादगार रहा।

Last Updated- March 07, 2024 | 5:23 PM IST
car sale

फरवरी 2024 में भारत में ऑटोमोबाइल बिक्री में 13% की शानदार वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि 2023 के फरवरी महीने की तुलना में हुई है, जिसमें 1.79 मिलियन यूनिट की बिक्री हुई थी। इस साल, बिक्री 2.03 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, इस वृद्धि का श्रेय वाहन की उपलब्धता में वृद्धि, बेहतर मांग और शादी के मौसम को जाता है।

हालांकि, आगामी लोकसभा चुनावों का बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। चुनावों के दौरान राजनीतिक अनिश्चितता और नीतिगत बदलावों की आशंका के कारण लोग अपनी खरीदारी टाल सकते हैं। यह सभी सेगमेंट, यात्री वाहन, दोपहिया वाहन और कमर्शियल वाहन को प्रभावित कर सकता है।

फरवरी 2024 का महीना भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए यादगार रहा। सभी प्रमुख वाहन श्रेणियों में बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि दर्ज की गई, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार और लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि का संकेत है।

यात्री वाहनों (पीवी) ने फरवरी 2024 में 12% की शानदार वृद्धि के साथ 330,107 इकाइयों की बिक्री दर्ज की। दोपहिया वाहनों की बिक्री में 13%, तिपहिया वाहनों में 24%, ट्रैक्टरों में 11% और कमर्शियल वाहनों में 5% की वृद्धि हुई। यह कमर्शियल वाहनों, तिपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों के लिए अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री थी।

Also Read: Electric Vehicle: इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों का रुख कर रहे ड्राइवर

FADA के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, “फरवरी 2023 में भारतीय कार उद्योग ने उत्साहजनक प्रदर्शन करते हुए 12% की बिक्री वृद्धि दर्ज की, जो अब तक का सबसे अधिक फरवरी बिक्री आंकड़ा है। यह वृद्धि नई कारों के लॉन्च और बढ़ती वाहन उपलब्धता के कारण हुई है।

हालांकि, बिक्री में वृद्धि के बावजूद, 50-55 दिनों का उच्च स्टॉक चिंता का विषय है। इसका मतलब है कि डीलरों के पास 50-55 दिनों तक चलने के लिए पर्याप्त कारें हैं। यह कार निर्माताओं के लिए एक समस्या है क्योंकि उन्हें अपनी कारों को बेचने के लिए छूट देनी पड़ सकती है, जिससे मुनाफे में कमी आ सकती है।”

वहीं दूसरी तरफ, दोपहिया वाहनों की बिक्री भू खूब देखने को मिली। यह वृद्धि ग्रामीण मांग, प्रीमियम मॉडलों की लोकप्रियता और एंट्री-लेवल सेगमेंट में मजबूत परफॉरमेंस के कारण हुई। उपलब्धता में वृद्धि और आकर्षक ऑफर्स ने भी दोपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि में योगदान दिया है। विवाह की हालिया तारीखों और बेहतर आर्थिक स्थितियों ने भी वृद्धि में योगदान दिया। समीक्षाधीन अवधि में दोपहिया वाहनों की बिक्री 1.43 मिलियन तक पहुंच गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 1.27 मिलियन से अधिक है।

फरवरी में, तिपहिया वाहनों की बिक्री फरवरी 2023 में 76,619 इकाइयों से बढ़कर 94,918 इकाई हो गई, जो 24% की वृद्धि दर्शाती है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) ने इस वृद्धि में 53% योगदान देकर एक बड़ी भूमिका निभाई। यह वृद्धि अधिक लोगों द्वारा पहली बार तिपहिया वाहनों का उपयोग करने, इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा पर स्विच करने और बाजार की स्थितियों में सुधार के कारण हुई।

पैसे की कमी और चुनावों के कारण खरीदारी में कमी जैसी मुश्किलों के बावजूद, कमर्शियल वाहन सेगमेंट में 5% की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि नई गाड़ियों की खरीद, स्कूल बसों की बढ़ती मांग और बेहतर लोन विकल्पों के कारण हुई है। यह वृद्धि इस क्षेत्र की मजबूती और लगातार सुधार को दर्शाती है। फरवरी में, इस सेगमेंट में 88,367 वाहन बेचे गए, जो पिछले साल की समान अवधि में बेचे गए 84,337 वाहनों से अधिक है।

सिंघानिया ने कहा, चुनावों की प्रत्याशा कमर्शियल वाहन क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गई है। आने वाले चुनावों के कारण, सभी सेगमेंट में खरीद में देरी हो सकती है। कमर्शियल वाहन क्षेत्र को विशेष रूप से प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि ग्राहक आम चुनावों के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा, सप्लाई की बाधाएं, खासकर पीवी सेगमेंट में, परिदृश्य को और जटिल बना रही हैं। लोकप्रिय वेरिएंट की उपलब्धता कम होने से बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

सिंघानिया ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की विफलता जैसे बाहरी कारक भी बाजार की धारणा और वित्तीय नकदी को कमजोर कर सकते हैं। इससे निरंतर विकास में बाधाएं पैदा हो सकती हैं। इन सभी कारकों के कारण, कमर्शियल वाहन क्षेत्र में वृद्धि धीमी हो सकती है। यह देखना बाकी है कि चुनावों का इस क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है।

First Published - March 7, 2024 | 5:23 PM IST

संबंधित पोस्ट