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रेयर अर्थ मैग्नेट कमी पर भारतीय ऑटो इंडस्ट्री ने की सरकार से अपील 

4 अप्रैल 2024 से चीन ने 7 रेयर अर्थ तत्वों और संबंधित मैग्नेट्स के निर्यात पर विशेष परमिट अनिवार्य कर दिए हैं।

Last Updated- June 08, 2025 | 5:45 PM IST
जिसों की कीमतों में नरमी से वॉल्यूम-मार्जिन को बल, Volume growth, softer commodity prices to drive Q4 margins of auto firms
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने सरकार से अपील की है कि वह रेयर अर्थ मैग्नेट (Rare Earth Magnets) के आयात के लिए चीन सरकार से शीघ्र मंजूरी दिलाने में मदद करे। ये मैग्नेट पैसेंजर कारों समेत कई क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के लिए ये बेहद जरूरी हैं।

4 अप्रैल 2024 से चीन ने 7 रेयर अर्थ तत्वों और संबंधित मैग्नेट्स के निर्यात पर विशेष परमिट अनिवार्य कर दिए हैं। इसके बाद से भारतीय आपूर्तिकर्ताओं ने अपने स्थानीय चीनी वेंडर्स के जरिए निर्यात की मंजूरी मांगी है, लेकिन अब तक कोई स्वीकृति नहीं मिली है।

चीन विश्व भर में इन मैग्नेट्स के 90% प्रोसेसिंग क्षमता पर नियंत्रण रखता है। इनका उपयोग ऑटोमोबाइल्स, होम एप्लायंसेज, और क्लीन एनर्जी सेक्टर में होता है।

सुजुकी ने रोका स्विफ्ट कार का प्रोडक्शन

जापान में सुजुकी मोटर को स्विफ्ट कार का प्रोडक्शन रोकना पड़ा है। वहीं भारत में मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव राहुल भारती ने कहा, “चीन ने एंड-यूज़र सर्टिफिकेट मांगा है, जिसे भारत सरकार द्वारा प्रमाणित और चीन सरकार द्वारा स्वीकृत करना होगा।”

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इस मामले पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट 

डेलॉइट इंडिया के ऑटोमोटिव सेक्टर लीडर रजत महाजन ने कहा कि यह संकट ईवी सप्लाई चेन के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि रेयर अर्थ मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक मोटर का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “ये लंबे समय से R&D का विषय रहे हैं, लेकिन अब तक इनके विकल्पों का बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उपयोग नहीं हुआ है।”

ICRA के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीकुमार कृष्णमूर्ति ने बताया कि रेयर अर्थ मैग्नेट्स EV में इलेक्ट्रिक मोटर, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग, और पावर स्टीयरिंग जैसी तकनीकों में उपयोग होते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी कमी से महंगाई बढ़ सकती है और प्रोडक्शन में रुकावट आ सकती है।

चीनी एक्सपो में भारत की बड़ी भागीदारी

इसी बीच 19-24 जून को चीन के कुनमिंग शहर में होने जा रहे चाइना-साउथ एशिया एक्सपो में भारत और पाकिस्तान की सबसे बड़ी मौजूदगी होगी।

यूनान प्रांत के वाणिज्य विभाग के निदेशक ली चाओवेई के अनुसार, इस 9वें संस्करण में 54 देशों की 1,400 कंपनियां और लगभग 1,000 प्रोफेशनल खरीदार भाग लेंगे।

भारत और पाकिस्तान को 140-140 बूथ आवंटित किए गए हैं। श्रीलंका को थीम कंट्री और थाईलैंड को विशेष साझेदार देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।

2024 में चीन और दक्षिण एशिया के बीच व्यापार करीब 200 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा भारत के साथ है। 2023 में भारत-चीन व्यापार 127.7 अरब डॉलर रहा और भारत का व्यापार घाटा 99.2 अरब डॉलर था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published - June 8, 2025 | 5:45 PM IST

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