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ओला इलेक्ट्रिक और केन्स सेमिकॉन की वार्ता: गुजरात में बनेगी भारत की अपनी ईवी चिप

Ola Electric: केन्स सेमिकॉन ओला के इलेक्ट्रिक वाहनों की डिजाइन के आधार पर तैयार करेगी चिप

Last Updated- May 17, 2024 | 10:50 PM IST
Ola Electric Q4 results

ओला के संस्थापक भवीश अग्रवाल की बातचीत मैसूर की कंपनी केन्स सेमिकॉन के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चिप बनाने के लिए चल रही है जो गुजरात के साणंद में आउटसोर्स की गई सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग (ओएसएटी) संयंत्र स्थापित कर रही है। इस संयंत्र में कंपनी के डिजाइन पर आधारित इलेक्ट्रिक वाहन के लिए चिप बनाई जाएगी।

केन्स आयातित सामग्री को असेंबल करने के साथ ही उसकी प्रोसेसिंग के जरिये चिप तैयार करेगी। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी को फिलहाल वैश्विक चिप निर्माताओं जैसे कि क्वॉलकॉम और मेडिटेक से चिप का आयात करना होगा। अगर ओला और केन्स के बीच समझौता हो गया तब यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के लिए बेहद उत्साहजनक होगा क्योंकि दो घरेलू कंपनियां एक साथ मिलकर वाहन क्षेत्र के लिए चिप डिजाइन करने के साथ ही असेंबल करेंगी।

अग्रवाल ने एक नई कंपनी कृत्रिम शुरू की है जिसका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर है और यह कंपनी भारत की एआई जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित होगी और यह ओला के ईवी उत्पादों के लिए चिप डिजाइन करेगी।

केन्स साणंद के ओएसएटी संयंत्र के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है और इसने चार वैश्विक तकनीकी साझेदारों को भी इससे जोड़ा है जिनमें मलेशिया की कंपनी ग्लोबट्रॉनिक्स, ताइवान की कंपनी एप्टॉस टेक, अमेरिका की कंपनी मिक्स टेक और जापान की कंपनी एओआई है। इस संयंत्र में सालाना 1 अरब चिप तैयार करने की क्षमता होगी। केन्स का अगले दो साल में 13 चिप असेंबली और टेस्टिंग लाइन स्थापित करने का लक्ष्य है।

कंपनी की बातचीत फिलिपींस और मलेशिया के ग्राहकों से भी हो रही है जिन्हें माइक्रोकंट्रोलर बनाने, ऑटोमोटिव और औद्योगिक क्षेत्र के लिए चिप की जरूरत होगी और वे भारत से असेंबलिंग और प्रोसेसिंग के हिस्से मंगाएंगे। केन्स को उम्मीद है कि इसे इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) योजना के तहत सब्सिडी के लिए मंजूरी मिल जाएगी जबकि सरकार ने संयंत्र बनाने के लिए 50 फीसदी लागत देने की पेशकश की है। इसके अलावा संबंधित राज्य सरकार भी सब्सिडी देगी।

बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए केन्स सेमीकॉन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रघु पणिक्कर ने कहा, ‘हमारी बातचीत ओला इलेक्ट्रिक और भारत में कुछ अन्य वाहन से जुड़े मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से हुई है ताकि वे अपने डिजाइन के आधार पर चिप बनाने के मौके पर विचार करें क्योंकि यह बाजार तेजी से बढ़ रहा है।’ हालांकि ओला के प्रवक्ता ने इस बातचीत पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

केन्स सेमिकॉन एक प्रमुख सूचीबद्ध कंपनी केन्स टेक्नोलॉजी का हिस्सा है जो इलेक्टिक सिस्टम डिजाइन एवं निर्माण (ईएसडीएम) कंपनी है और इसका दायरा वाहनों से जुड़े कलपुर्जे, औद्योगिक क्षेत्र, एयरोस्पेस, मेडिकल, रेलवे, नाभिकीय, अंतरिक्ष, उपभोक्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आईटी और अन्य क्षेत्र से भी जुड़ा हुआ है। इस 32 साल पुरानी कंपनी के देश भर में 8 विनिर्माण संयंत्र हैं। वर्ष 2024 में कंपनी के शुद्ध लाभ में 96.8 फीसदी की तेजी आई और इसने 813 करोड़ रुपये के स्तर को छू लिया।

हालांकि पणिक्कर का कहना है कि इसका 90 फीसदी कारोबार वैश्विक खिलाड़ियों की तरफ से किया जाएगा। फिलिपींस और मलेशिया के माइक्रोप्रोसेसर क्षेत्र के ज्यादातर ओईएम थर्ड पार्टी से अपने काम का 10-20 फीसदी आउटसोर्स करने को तरजीह देते हैं जो केन्स जैसी कंपनी के लिए एक बड़ा मौका है।

First Published - May 17, 2024 | 10:50 PM IST

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