यूरोप की वाहन कंपनी स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने साल 2009 में चाकण (पुणे) संयंत्र में अपने परिचालन की शुरुआत के बाद से यहां 15 लाख से ज्यादा वाहन बनाए हैं। इनमें फोक्सवैगन और स्कोडा के स्कोडा कुशाक, स्लाविया, फोक्सवैगन टाइगुन जैसे मॉडल शामिल हैं।
यह कंपनी की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है, जिसमें वह 30 प्रतिशत से ज्यादा कार उत्पादन करीब 40 वैश्विक बाजारों में निर्यात करती है। चाकण संयंत्र की शुरुआत स्कोडा फैबिया के उत्पादन के साथ हुई थी। तब से यहां फोक्सवैगन वेंटो, पोलो और स्कोडा रैपिड समेत कई मॉडलों का उत्पादन किया जा चुका है। इसकी इंडिया 2.0 श्रृंखला में नए वाहनों – फोक्सवैगन टाइगुन और वर्टुस, स्कोडा कुशाक और स्लाविया ने हाल में 3,00,000 उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया है।
अपनी वाहन विनिर्माण सफलता के अलावा फोक्सवैगन की इंजन शॉप ने पिछले 10 साल के दौरान अब तक 3,80,000 से अधिक इंजनों का उत्पादन किया है। ये इंजन भारत में निर्मित कलपुर्जो पर काफी ज्यादा निर्भर करते हैं।
स्कोडा ऑटो के निदेशक मंडल के सदस्य (उत्पादन और लॉजिस्टिक्स) एंड्रियास डिक ने कहा कि स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया की उपलब्धियां देश की सीमाओं से बाहर भी गूंज रही हैं जो वैश्विक स्तर पर उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दर्शाती है।
स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी पीयूष अरोड़ा ने कहा कि चाकण संयंत्र में हमारा खासा उत्पादन और हमारे एमक्यूबी मॉडल की सफलता भारत के वाहन उद्योग के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है।