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बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी एफडीआई का प्रस्ताव

Last Updated- December 12, 2022 | 8:56 AM IST

सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है। इस कदम का मकसद विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए लुभाना है। इससे देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते कहा कि नए ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड तथा प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे। कम से कम 50 फीसदी निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे।
इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित फीसदी सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा। उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने तथा रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि निवेशकों के संरक्षण के लिए सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा। यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा।
सरकार ने 2015 में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 फीसदी किया था।  भारत में जीवन बीमा की पहुंच सकल घरेलू उत्पाद का 3.6 फीसदी है।

First Published - February 2, 2021 | 12:00 AM IST

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