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Budget 2025: म्युचुअल फंड एक्सपर्ट्स ने बजट से लगाई बड़ी आस, क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूरी करेंगी उम्मीदें?

AMFI ने म्युचुअल फंड उद्योग को बढ़ावा देने और निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक 15 सूत्रीय प्रस्ताव भी सरकार को सौंपा है।

Last Updated- January 30, 2025 | 3:09 PM IST
Budget 2025: Mutual fund experts have high expectations from the budget, will the Finance Minister fulfill the expectations? म्युचुअल फंड एक्सपर्ट्स ने बजट से लगाई बड़ी आस, क्या वित्त मंत्री पूरी करेंगी उम्मीदें?

Budget 2025, Mutual Fund Experts Expectations: मोदी सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 68 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग ने बजट से काफी उम्मीदें  लगा रखी हैं। हाल ही में, एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने म्युचुअल फंड उद्योग को बढ़ावा देने और निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक 15 सूत्रीय प्रस्ताव भी सरकार को सौंपा है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार डेट म्युचुअल फंड्स में इंडेक्सेशन बेनिफिट को फिर से बहाल करने, इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स में कमी और FoF की जरूरत के अनुसार इक्विटी म्युचुअल फंड की परिभाषा में बदलाव जैसे कदम उठा सकती है।

1. डेट म्युचुअल फंड्स में इंडेक्सेशन बेनिफिट को फिर से बहाल किया जाए

BPN Fincap के डायरेक्टर ए के निगम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डेट म्युचुअल फंड्स में इंडेक्सेशन बेनिफिट को फिर से बहाल करने की मांग की है।
पहले, इस प्रावधान के तहत निवेशकों को अपने कैपिटल गेन को महंगाई के प्रभाव के अनुसार एडजस्ट करने की अनुमति मिलती थी, जिससे वास्तविक रिटर्न का सही आकलन संभव हो पाता था। हालांकि, जुलाई 2024 के बजट में इस प्रावधान को हटा दिया गया, जिससे डेट म्युचुअल फंड्स में लंबे समय तक निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान पहुंचा। यदि इस इंडेक्सेशन को फिर से लागू किया जाता है, तो इससे न केवल निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा, बल्कि एक स्थिर और अनुकूल निवेश वातावरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

2. इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) में कमी

वैलम कैपिटल एडवाइजर्स के सीईओ और पोर्टफोलियो मैनेजर मनीष भंडारी ने कहा कि इक्विटी पर LTCG टैक्स को 12.5% से घटाकर 10% करने से निवेशकों के पास 2.5% अतिरिक्त पूंजी बचेगी, जिसे वे फिर से म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यह अतिरिक्त पूंजी बाजार की नकदी (liquidity) बढ़ाने और पहुंच को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

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3. FoF की जरूरत के हिसाब से इक्विटी म्युचुअल फंड की परिभाषा में बदलाव

इसका मतलब: वर्तमान में, किसी म्युचुअल फंड को इक्विटी-ओरिएंटेड म्युचुअल फंड के रूप में वर्गीकृत करने के लिए उसकी कम से कम 65% कॉर्पस का निवेश इक्विटी प्रतिभूतियों (equity securities) में होना आवश्यक है। कुछ फंड ऑफ फंड्स (FoFs), जो अन्य म्युचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, इस मानदंड को पूरा करने में कठिनाई का सामना करते हैं।

इंडस्ट्री की उम्मीद: निगम बताते हैं कि इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां इस सीमा को 90% पर फिर से परिभाषित करने की मांग कर रही हैं। इसका मतलब यह है कि यदि FoF का 90% हिस्सा अंततः इक्विटी फंड्स में निवेश किया जाता है, तो उसे इक्विटी-ओरिएंटेड फंड के रूप में वर्गीकृत किया जाए और इससे जुड़े टैक्स लाभ भी मिलेगा।

4. डेट लिंक्ड सेविंग्स स्कीम पर भी ELSS की तरह टैक्स में छूट दिया जाए

मनीफ्रंट के CEO और CFA मोहित गंग ने कहा कि म्युचुअल फंड इंडस्ट्री को उम्मीद है कि सरकार वर्तमान में 1.25 लाख रुपये की LTCG छूट सीमा को बढ़ाए। साथ ही, डिविडेंड पर TDS की सीमा को मौजूदा 5,000 रुपये से बढ़ाकर कम से कम 50,000 रुपये प्रति वित्त वर्ष किया जाए।

इसके अतिरिक्त, म्युचुअल फंड इंडस्ट्री REIT/InvIT जैसे प्रोडक्ट्स पर टैक्सेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग कर रही है, ताकि यह खुदरा निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल हो सके। इंडस्ट्री लंबे समय से मांग कर रही है कि DLSS (डेट लिंक्ड सेविंग्स स्कीम) को ELSS की तरह 80C के तहत टैक्स छूट की पात्रता में शामिल करने की भी रही है।

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5. म्युचुअल फंड लिंक्ड रिटायरमेंट स्कीम (MFLRS) पेश करने की मांग

निगम बताते हैं कि वर्तमान में, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट और एडिशनल डिडक्शन का लाभ धारा 80CCD(1B) के मिलता है। लेकिन म्युचुअल फंड्स के पास ऐसा कोई समर्पित रिटायरमेंट से जुड़ा टैक्स-सेविंग विकल्प नहीं है।

इंडस्ट्री की उम्मीद: म्युचुअल फंड इंडस्ट्री एक म्युचुअल फंड लिंक्ड रिटायरमेंट स्कीम (NPS की तरह) का प्रस्ताव देती है, जहां रिटायरमेंट-केंद्रित म्युचुअल फंड्स में योगदान देने पर निवेशकों को टैक्स में छूट का लाभ मिल सके।

6. म्युचुअल फंड को इंफ्रास्ट्रक्चर निवेशों में शामिल करने और टैक्स छूट की मांग

इसका मतलब: इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश (जैसे बॉन्ड) को अक्सर महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने के लिए टैक्स छूट या कटौती का लाभ दिया जाता है।

इंडस्ट्री की उम्मीद: म्युचुअल फंड इंडस्ट्री चाहती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में म्युचुअल फंड्स द्वारा किए गए निवेश (विशेष फंड्स के माध्यम से) टैक्स छूट के योग्य हों, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में लॉन्ग टर्म निवेश को बढ़ावा मिल सके।

कब पेश होगा बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार 1 फरवरी, 2025 को बजट पेश करेंगी। यह उनका लगातार 8वां बजट होगा। बजट भारत सरकार के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज होता है। इसमें अगले वित्तीय वर्ष के लिए देश की अनुमानित आय और खर्चों की पूरी जानकारी दी जाती है।

बजट देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है। यह अलग-अलग सेक्टर्स को प्रभावित करता है और ऐसी नीतियां तय करता है जो नागरिकों, बिजनेस और इंडस्ट्रीज पर सीधा असर डालती हैं।

First Published - January 30, 2025 | 12:38 PM IST

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