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किसानों को मिलता रहेगा सस्ता कर्ज

Last Updated- December 10, 2022 | 1:16 AM IST

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को पेश 2009-10 के अंतरिम बजट में किसानों को सस्ते कर्ज देते रहने की घोषणा की। मुखर्जी के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में 7 फीसदी की ब्याज दर से 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि फसल ऋण किसानों को मिलेंगे।
हालांकि, बजट में बताया गया है कि 2009-10 के दौरान किसानों को 2,011 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी, जबकि 2008-09 के संशोधित अनुमान के मुताबिक इस दौरान 2,600 करोड़ रुपये की सहायता दी गई।
2009-10 के बजट अनुमान में उर्वरक मंत्रालय के लिए 50,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 75,915 करोड़ रुपये से यह राशि 33 फीसदी कम है। जानकारों के मुताबिक, यह सरकार की नई रणनीति है, जिसके तहत बजट अनुमान कम रखकर अतिरिक्त राशि का इंतजाम पूरक अनुदान के जरिये किया जा रहा है।
कृषि विभाग के लिए बजट का आवंटन 7,458 करोड़ रुपये रखा गया है। 2008-09 के संशोधित बजट अनुमान में यह राशि थोड़ा ही कम 7,395 करोड़ रुपये है। कृषि अनुसंधान और शिक्षा का आवंटन पिछले बजट के संशोधित अनुमान से 281 करोड़ रुपये बढ़ाकर 3,241 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पशुपालन और डेयरी विभाग के लिए अंतरिम बजट  में आवंटन पिछले बजट के संशोधित अनुमान 1,015 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,106 करोड़ रुपये कर दिया गया है। मुखर्जी ने संसद में बताया, ”कुल 3.6 करोड़ किसानों को अब तक 65 हजार करोड़ रुपये की कर्ज राहत दी गई है।”
2003-04 में किसानों को 87 हजार करोड़ रुपये की कर्ज माफी दी गई, लेकिन 2007-08 आते-आते यह बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये हो गई। इस बजट में बताया गया कि 2003-04 से 2008-09 के बीच कृषि का योजनागत आवंटन 300 फीसदी तक बढ़ गया है।
सरकार ने 25 राज्यों में लघु अवधि के सहकारी ऋण ढांचे को पुनर्जीवित करने के लिए 13,500 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। कृषि क्षेत्र में कुल पूंजी निर्माण और कृषि जीडीपी के अनुपात में खासा सुधार हुआ है।
2003-04 में यह 11.1 फीसदी था, जो 2007-08 में बढ़कर 14.2 फीसदी हो गया। चार साल की इस अवधि में कृषि क्षेत्र की सालाना विकास दर 3.7 फीसदी की गति से बढ़ी। ऐसे में वित्त वर्ष 2008-09 के लिए संभावनाएं काफी सकारात्मक मालूम पड़ रही हैं।

First Published - February 16, 2009 | 11:51 PM IST

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