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पूंजीगत खर्च से जुड़ी फर्मों में दिखेगी मजबूती

Last Updated- December 12, 2022 | 8:56 AM IST

पूंजीगत खर्च और बुनियादी परियोजनाओं पर बजट में जोर दिए जाने से पूंजीगत खर्च से जुड़ी कंपनियों में मजबूती देखने को मिलेगी लेकिन वित्त वर्ष 2022 के लिए कुल सरकारी खर्च में कमी के जरिए इसके मिजाज में बदलाव भी किया गया है। सरकारी खर्च में कमी से अगले वित्त वर्ष में उपभोक्ताओं की मांग पर असर पड़ सकता है और एफएमसीजी, टिकाऊ उपभोक्ता और वाहन क्षेत्र के लिए यह नकारात्मक है।
पूंजीगत खर्च के लिए सकल बजटीय सहायता को वित्त वर्ष 2021 के संशोधित अनुमान के मुकाबले वित्त वर्ष 2022 के बजट अनुमान में 26.2 फीसदी बढ़ाया गया है। बजट में वित्त वर्ष 2022 के लिए 5.54 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का आवंटन किया गया  है जबकि वित्त वर्ष 2021 में वास्तविक पूंजीगत खर्च 4.39 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020 में 3.35 लाख करोड़ रुपये था।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, सरकार ने वित्त वर्ष 2022 में पूंजीगत खर्च व बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सार्वजनिक खर्च को नए सिरे से प्राथमिकता दी है। इससे अगले साल आर्थिक सुधार में बढ़ोतरी होगी और कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक भी होगा।
विश्लेषकों ने कहा कि यह इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन व पूंजीगत सामान क्षेत्र की कंपनियों के ऑर्डर बुक व राजस्व की रफ्तार में मजबूती लाएगा।
आश्चर्य नहीं होता कि देश की सबसे बड़ी ईपीसी कंपनी एलऐंडटी आज एक्सचेंजों पर सबसे ज्यादा लाभ हासिल करने वालों में शामिल रही। सोमवार को कंपनी का शेयर 8.6 फीसदी चढ़ा। इन्फ्रा क्षेेत्र में एनसीसी सबसे ज्यादा लाभ में रही और करीब 14 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुई। इसके बाद अशोक बिल्डकॉन में 11 फीसदी और केकेआर कंस्ट्रक्शन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बीएसई इन्फ्रा इंडेक्स 5.6 फीसदी चढ़ा और 52 हफ्ते के नए उच्चस्तर पर बंद हुआ।
पूंजीगत सामान क्षेत्र में सीमेंस में सबसे ज्यादा 5.6 फीसदी का लाभ दर्ज हुआ और भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स काी शेयर 5 फीसदी चढ़कर बंद हुआ।
बजट प्रस्ताव औद्योगिक जिंस क्षेत्र मसलन धातु व सीमेंट के लिए भी सकारात्मक है। टाटा स्टील के सीईओ व एमडी टी वी नरेंद्रन ने कहा, हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में ज्यादा पूंजीगत खर्च का काफी असर होगा क्योंकि यह स्टील समेत विभिन्न उत्पादों की मांग सृजित करेगा।
पीएसयू घटाएंगी पूंजीगत खर्च
इस तरह की मजबूती पर हालांकि रेलवे मंत्रालय की पीएसयू समेत अन्य केंद्रीय सार्वजनिक निर्गम की तरफ से पूंजीगत खर्च में कटौती का असर पड़ सकता है। रेल मंत्रालय की पीएसयू ने अपना पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 18.6 फीसदी घटाने की योजना बनाई है, वहीं अन्य पीएसयू इस अवधि में सालाना आधार पर अपना पूंजीगत खर्च 7.4 फीसदी घटा सकती हैं।
इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र का पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 2022 में वित्त वर्ष 2021 के संशोधित अनुमान के मुकाबले 4.8 फीसदी बढऩे की संभावना है। वित्त वर्ष 2022 में कुल पूंजीगत खर्च 11.37 लाख करोड़ रुपये रह सकता है जबकि वित्त वर्ष 2021 में संशोथित अनुमान 10.84 लाख करोड़ रुपये का था और वित्त वर्ष 2020 में 9.77 लाख करोड़ रुपये।
सोमवार को बीएसई एफएमसीजी इंडेक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा और उसमें महज 1.81 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई जबकि बीएसई सेंसेक्स में 5 फीसदी की उछाल आई। बीएसई ऑटो इंडेक्स भी पिछड़ गया और उसमें महज 4.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
केंद्र सरकार का कुल खर्च वित्त वर्ष 2022 में एक साल पहले के मुकाबले सालाना आधार पर महज 1 फीसदी बढऩे की संभावना है।

First Published - February 2, 2021 | 12:19 AM IST

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