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नए सेज अधिनियम से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

Last Updated- December 11, 2022 | 9:29 PM IST

निर्माण क्षेत्र की कंपनियां और निर्यात संवद्र्घन परिषद के अधिकारियों का कहना है कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) अधिनियम में सुधार से निर्यात बढ़ेगा, प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार आएगा और इस क्षेत्र में अनियमितताएं दूर होंगी।
मौजूदा कानून को विभिन्न विपरीत परिस्थितियों के बीच तैयार किया गया था और उसके बाद से इसमें कई बदलाव किए जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये नियम काफी जटिल हैं और इन्हें विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) अनुकूल बनाए जाने की जरूरत भी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार मौजूदा सेज अधिनियम की जगह नए नियमों को लागू करेगी, क्योंकि इसमें निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
गोदरेज ऐंड बॉयस के कार्यकारी निदेशक एवं अध्यक्ष अनिल जी वर्मा के अनुसार सीमा शुल्क प्रशासन में सुधार से सेज के साथ साथ घरेलू दर क्षेत्र में अन्य निर्माताओं को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘हमारे सेज वैश्विक आपूर्ति शृंखला में समस्याओं से जूझ रहे हैं और घरेलू खरीदारी पर जोर देते हैं जिससे हम वैश्विक आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान देते हैं।’
भारत फोर्ज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बाबा एन कल्याणी ने कहा, ‘पीएम गति शक्ति पहल के तहत सात इंजनों पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने के साथ सेज के लिए प्रस्तावित नए नियमों से एक ऐसे नए भारत की राह प्रशस्त हो सकती है जिसे अपनी गति, उत्पादकता और आकार के लिए जाना जाता है, इसलिए इससे देश का निवेश आकर्षण और निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।’
सेज इकाइयों में व्यवसाय आसान बनाने के लिए सरकार कई सुधारों को बढ़ावा देगी और इन क्षेत्रों को पूरी तरह आईटी-आधारित बनाएगी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह सुधार 30 सितंबर 2022 तक क्रियान्वित किए जाएंगे।’
ईओयू एवं सेज के लिए निर्यात संवद्र्घन परिषद के चेयरमैन भुवनेश सेठ ने कहा, ‘हम नए अधिनियम के जरिये लंबे समय से लंबित मुद्दों के समाधान के लिए सरकार की कोशिश का स्वागत करते हैं। ईपीसीईएस नए नियम के गठन में वाणिज्य विभाग, राजस्व विभाग, राज्य सरकारों और सेज डेवलपरों और अन्य इकाइयों के साथ मिलकर काम करेगी।’

First Published - February 1, 2022 | 11:30 PM IST

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